बिहार की सबसे खूंखार मां! 10 साल की बेटी को जहर देकर चाकू घोंपा,कोर्ट ने कहा, फंदा ही एकमात्र सजा
Thursday, Nov 27, 2025-09:17 PM (IST)
अररिया: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने गुरुवार को बिहार के सबसे क्रूर मां-बेटी हत्याकांड में दोषी मां पूनम देवी (35) को फांसी की सजा सुना दी। कोर्ट ने इसे “मां शब्द को कलंकित करने वाला जघन्यतम अपराध” करार देते हुए कहा कि ऐसी क्रूरता के लिए फांसी ही एकमात्र उचित दंड है। दोषी को तब तक फंदे पर लटकाया जाएगा जब तक उसकी मौत न हो जाए।
10 जुलाई 2023 की खौफनाक रात
नरपतगंज थाना क्षेत्र के रामघाट कोशिकापुर की रहने वाली पूनम देवी का अवैध संबंध पड़ोस के रूपेश कुमार सिंह से था। 21 जून 2023 को उसकी 10 साल की बेटी शिवानी कुमारी ने मां को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया और पापा को बताने की धमकी दी। पति चंदन सिंह पंजाब से लौटने वाले थे। भंडाफोड़ के डर से पूनम और रूपेश ने मिलकर बेटी को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
हटिया बाजार से मछली और कीटनाशक दवा लाए। मछली में जहर मिलाकर शिवानी को खिलाया। बेहोश होने पर सब्जी काटने वाले चाकू से गला-पेट पर ताबड़तोड़ वार किए, शव को जलावन घर में मक्के के ढेर में छिपाया, खून पोंछकर अपहरण का नाटक किया। पुलिस ने चौकीदार भगवान पासवान के बयान पर केस दर्ज किया और मक्के के ढेर से शिवानी का शव बरामद कर लिया। चाकू और अन्य सबूत भी जब्त हुए।
कोर्ट ने सुनाई तीन सजाएं
- धारा 302 IPC → फांसी तक मौत
- धारा 328 IPC → 7 साल सश्रम कारावास + 50 हजार जुर्माना
- धारा 201 IPC → 5 साल सश्रम कारावास + 10 हजार जुर्माना
- जुर्माना न चुकाने पर 18 माह अतिरिक्त सजा।
अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी ने कड़ी सजा की मांग की, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता किशोर कुमार दास ने रहम की गुहार लगाई। कोर्ट ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर पूनम देवी को दोषी ठहराया।

