मढ़ौरा सीट से लालू प्रसाद यादव ने दाखिल किया नामांकन, पिछले 25 सालों से आजमा रहे अपनी किस्मत, लेकिन अभी तक नहीं मिली सफलता
Saturday, Oct 11, 2025-12:23 PM (IST)

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले दिन नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों में एक नाम ऐसा भी रहा जिसने सभी का ध्यान खींचा है, वह लालू प्रसाद यादव है। लेकिन चौकिए मत, यह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) नहीं हैं, बल्कि उनका हमनाम है, जो लगातार चुनाव लड़ने की अपनी आदत के लिए जाना जाता है। हालांकि अब तक सफलता उससे कोसों दूर रही है। पैंतालीस वर्षीय यह ‘हमनाम' सारण जिले के जादो रहीमपुर गांव के निवासी हैं। उन्होंने शुक्रवार को मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किया।
यह विधानसभा क्षेत्र सारण लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जो लंबे समय से राजद प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नाम से जुड़ी रही है। अपने पैतृक गांव से फोन पर बातचीत में लालू प्रसाद यादव ने बताया, ‘‘मैंने पहली बार 2001 में चुनाव लड़ा था, जब वार्ड पार्षद के पद के लिए मैदान में उतरा था।'' रहीमपुर गांव राज्य की राजधानी पटना से करीब 150 किलोमीटर दूर है। दिलचस्प बात यह है कि सारण वही लोकसभा सीट है जिसने 1977 से कई बार मशहूर लालू प्रसाद यादव को संसद में भेजा है। हालांकि, बिहार के इस कम चर्चित लालू प्रसाद यादव को उनके लगातार लेकिन असफल चुनावी प्रयासों के कारण ‘धरती पकड़' की उपाधि मिल चुकी है। वह अपने मशहूर नाम के बोझ से बेपरवाह दिखते हैं। उन्होंने गर्व से याद किया, ‘‘मैंने 2014 के लोकसभा चुनाव में राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय वह अपने पति की जगह मैदान में थीं, जिन्हें चारा घोटाला मामले में दोषसिद्धि के बाद चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया था।'' उस चुनाव में राबड़ी देवी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजीव प्रताप रूड़ी से हार गई थीं। वह यह भी गर्व से बताते हैं कि उन्होंने ‘‘2017 और 2022 के राष्ट्रपति चुनाव'' में भी नामांकन किया था, लेकिन यह कहे जाने पर कि दोनों बार उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था, वह मुस्कुरा देते हैं।
खेती-किसानी करने वाले इस शख्स के पास चुनावी रोमांच का शौक पूरा करने के लिए खूब वक्त है। शायद इसी वजह से उन्हें याद करने में कठिनाई होती है कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव और हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में किस सीट से पर्चा भरा था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ख्याल है कि लोकसभा में मैं महाराजगंज से उम्मीदवार था। विधानसभा उपचुनाव में या तो तरारी या रुपौली से लड़ा था।'' उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘‘मैं निर्दलीय उम्मीदवार नहीं हूं। कृपया मेरा हलफनामा देखिए। मैं जन संभावना पार्टी का उम्मीदवार हूं।'' मानो वह खुद को और दूसरों को यह यकीन दिलाना चाहते हों कि उनके जैसे लोगों के साथ भी कोई राजनीतिक धारा जुड़ी है।