Manjhi Assembly Seat: मांझी विधानसभा सीट पर क्या लेफ्ट का किला तोड़ देगी NDA? ।। Bihar Election 2025
Sunday, Oct 05, 2025-03:53 PM (IST)
Manjhi Assembly Seat: बिहार का मांझी विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है......1951 में ही मांझी सीट अस्तित्व में आ गया था। 1951,1957 और 1962 में इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कैंडिडेट गिरीश तिवारी ने जीत हासिल की थी। 1967 में हुए चुनाव में यहां से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट आर बी सिंह ने कांग्रेस को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। 1969 में मांझी सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट रामेश्वर दत्त शर्मा ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को मात दे दिया था। वहीं 1972 में एसओपी पार्टी के कैंडिडेट राम बहादुर सिंह ने मांझी सीट से जीत हासिल कर ली थी। 1977 में भी राम बहादुर सिंह ने जनता पार्टी की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। .1980 में एक बार फिर कांग्रेसी कैंडिडेट रामेश्वर दत्त शर्मा ने मांझी की जनता का भरोसा जीत लिया था। 1985 में निर्दलीय कैंडिडेट बुद्धन प्रसाद यादव ने मांझी सीट पर सभी विरोधियों को हरा दिया था।
1990 में जनता दल के कैंडिडेट हजारी सिंह ने मांझी सीट पर जीत हासिल किया था। 1995 में एक बार फिर बुद्धन प्रसाद यादव ने कांग्रेस के कैंडिडेट के तौर पर यहां से जनता का समर्थन हासिल किया था। वहीं 2000 में निर्दलीय कैंडिडेट रविंद्र नाथ मिश्रा मांझी सीट पर सभी विरोधियों को हराने में कामयाब रहे थे। 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट गौतम सिंह ने मांझी सीट पर लगातार दो बार जीत हासिल की थी तो 2015 में मांझी सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट विजय शंकर दुबे ने जीत का परचम लहरा दिया था। वहीं 2020 के चुनाव में मांझी में सीपीएम कैंडिडेट सत्येंद्र यादव ने सभी विरोधियों को मात दे दिया था।
Manjhi Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में मांझी विधानसभा सीट पर सीपीएम के सत्येंद्र यादव ने जीत हासिल की थी। सत्येंद्र यादव को 59 हजार तीन सौ 24 वोट मिला था, जबकि निर्दलीय कैंडिडेट राणा प्रताप सिंह, 33 हजार नौ सौ 38 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सत्येंद्र यादव ने राणा प्रताप सिंह को 25 हजार तीन सौ 86 वोट के बड़े भारी अंतर से हरा दिया था। वहीं जेडीयू कैंडिडेट माधवी कुमारी 29 हजार एक सौ 55 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
Manjhi Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में मांझी सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट विजय शंकर दुबे ने जीत हासिल की थी। विजय शंकर दुबे को चुनाव में 29 हजार पांच सौ 58 वोट मिला था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट केशव सिंह को 20 हजार छह सौ 92 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से विजय शंकर दुबे ने केशव सिंह को 8 हजार आठ सौ 66 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई कैंडिडेट सत्येंद्र यादव,17 हजार आठ सौ तीन वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
Manjhi Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में मांझी सीट से जेडीयू कैंडिडेट गौतम सिंह ने जीत हासिल की थी। गौतम सिंह को चुनाव में 28 हजार छह सौ 87 वोट ही मिल पाया था, जबकि आरजेडी कैंडिडेट हेम नारायण सिंह ने 20 हजार सात सौ 83 वोट हासिल किया था। इस तरह से गौतम सिंह ने हेमनारायण सिंह को 7 हजार नौ सौ चार वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट रवीन्द्रनाथ मिश्रा, 8 हजार चार सौ 23 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
Manjhi Assembly Seat Result 2005।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में मांझी सीट से जेडीयू कैंडिडेट गौतम सिंह ने जीत हासिल की थी। गौतम सिंह को चुनाव में 38 हजार 2 वोट मिला था, जबकि कांग्रेसी कैंडिडेट रवीन्द्र नाथ मिश्रा को चुनाव में 36 हजार छह सौ 22 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से गौतम सिंह ने रवीन्द्र नाथ मिश्रा को 1 हजार तीन सौ 80 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट साकेत कुमार सिंह, 3 हजार एक सौ 71 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
मांझी विधानसभा सीट के नतीजों को तय करने में जातीय समीकरण की अहम भूमिका होती है। यहां यादव वोटर बड़ी संख्या में हैं। वहीं राजपूत,भूमिहार और ब्राह्मण समाज के वोटरों की भी यहां अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा तेली, नाई, कुशवाहा, धोबी, और पासवान जैसे अति पिछड़ा और दलित वर्ग के मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर लगभग दस फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। अगर लोकसभा चुनाव के तर्ज पर एनडीए मांझी में अपने बढ़त को कायम रखने में सफल रहा तो फिर यहां से लाल सलाम को हार का सामना करना पड़ सकता है।