गंगा किनारे उम्मीदों की उड़ान...यहां हजारों छात्र गढ़ रहे अपना भविष्य, रेलवे परीक्षा की कर रहे तैयारी

4/17/2022 12:41:55 PM

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): इससे पहले न आपने प्रतियोगिता परीक्षा की ऐसी तैयारी देखी होगी ना सुनी सुनी होगी...ये नजारा है पटना के गंगा घाट का जहां छात्र अपने भविष्य को गढ़ने में लगे हुए हैं। कभी पूजा पाठ में लिप्त रहने वाला काली घाट और कदम घाट अब छात्रों के अध्ययन के लिए बिहार में सबसे चर्चित और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

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बिहार के छात्रों ने विदेशों में भी मनवाया अपना लोहा 
बिहार के छात्र अपनी जीवटता और मेहनत के लिए जाने जाते हैं। देश के साथ विदेशों में भी बिहार के छात्रों ने अपना लोहा मनवाया है। प्रदेश की राजधानी पटना छात्रों का गढ़ है। यहां विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अध्‍ययन अध्‍यापन करते हैं। इसी पटना की यह तस्‍वीर इन दिनों वायरल है। इस तस्‍वीर में दर्जनों छात्रों को गंगा घाट पर पढ़ाई करते हुए देखा जा सकता है। खुले आसमान के नीचे पढ़ाई कर रहे छात्रों को लेकर सोशल मीडिया में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। 

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छात्रों के सपनों की उड़ान को पंख दे रहे शिक्षक एसके झा 
वहीं, यह तस्‍वीर बिहार के छात्रों की मेहनत और प्रतिकूल परिस्थित‍ियों में भी संघर्ष करने की उनकी क्षमता को दिखाता है। इन छात्रों के सपनों की उड़ान को पंख देने में लगे हैं पटना के शिक्षक एसके झा। एसके झा के द्वारा सप्ताह के हर शनिवार और रविवार को मुफ्त में टेस्ट सीरीज चलाया जाता है जिसमें हजारों छात्र शामिल होते हैं। खास बात यह है कि इस टेस्ट सीरीज में शामिल होने के लिए बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दूसरे प्रदेशों के छात्र भी आ रहे हैं। 

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गंगा घाट पर रोज 2 घंटे तैयारी करते हैं छात्र 
कहते हैं जहां चाह है, वहीं राह है। कुछ ऐसी ही चाहत है युवाओं की जो तमाम तरह की सुख-सुविधाओं को छोड़ कर पटना के गंगा घाट पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, RRB ग्रुप D की जून में परीक्षा होने वाली है। इसके लिए बिहार के छात्रों ने बड़ी तादाद में आवेदन किया है। परीक्षार्थी इस बार तैयारी में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि ये अभ्‍यर्थी गंगा घाटों पर अहले सुबह ग्रुप बनाकर पढ़ाई में जुट जाते हैं और टेस्ट सीरीज में शामिल हो जाते हैं। गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठकर रोज 2 घंटे तक तैयारी करते हैं। इस दौरान छात्र एक-दूसरे की मदद भी करते हैं।

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कहते हैं बड़े बड़े सपनों का छोटा-सा आशियां। ये छात्र अपनी छोटी आशियां के सपनों को अगर हकीकत में बदल दें तो इससे बड़ी क्या बात हो सकती हैं।


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Ramanjot

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