नगर निकाय चुनावः आरक्षण पर रोक के लिए मोदी ने नीतीश सरकार को ठहराया जिम्मेदार, दी ये चुनौती
Friday, Oct 07, 2022-10:43 AM (IST)

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों को मिल रहे आरक्षण पर रोक के लिए राज्य की नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे महाधिवक्ता (एजी) और राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र को सार्वजनिक करने की चुनौती दी।
"सुप्रीम कोर्ट जाकर समय बर्बाद न करें नीतीश"
सुशील मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि निकाय चुनाव पर पटना उच्च न्यायालय के आदेश से लगी रोक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गलतियां छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाकर समय बर्बाद न करें। उन्हें इस मुद्दे पर एजी और राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र सार्वजनिक करने चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर निकाय चुनाव कराने की नीतीश कुमार की जिद के कारण चुनाव पर रोक लगी है और अतिपिछड़ों का दो साल बर्बाद हुआ। इतना ही नहीं, उम्मीदवारों के करोड़ों रुपए भी डूब गए। उन्होंने कहा कि क्या सरकार इस नुकसान की भरपायी करेगी।
"अब बिना समय गंवाए विशेष आयोग बनाए सरकार"
सुशील मोदी ने कहा कि पिछड़ों को ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने के बाद ही निकाय चुनाव कराने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लिए नहीं, बल्कि बिहार समेत पूरे देश के लिए लागू होता है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और महाधिवक्ता ने भी ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने के बाद निकाय चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव में दोनों को अपना मंतव्य बदलना पड़ा। भाजपा नेता ने कहा कि निकाय चुनाव में राजनीतिक आरक्षण देने के लिए सरकार अब बिना समय गंवाए विशेष आयोग बनाए और इस मुद्दे पर सारे पत्राचार सार्वजनिक करे, ताकि सच जनता के सामने आए।