बिहार के स्कूलों में अब 5 दिन ही पढ़ेंगे बच्चे, शिक्षा दिवस पर CM नीतीश ने की कई योजनाओं की शुरुआत

11/11/2022 4:02:49 PM

पटनाः अब बिहार के स्कूलों में पठन-पाठन के साथ ही स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाएगा और अपने स्कूल को बेहतर तरीके से स्वच्छ रखने वाले शिक्षकों एवं छात्रों के समूह को पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसके लिए पटना के बापू सभागार में शिक्षा दिवस पर आयोजित समारोह में सीएम नीतीश कुमार ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना की शुरुआत की हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने बैगलेस योजना की भी शुरुआत की है, जिसके अनुरूप अब हर शनिवार को सरकारी स्कूल के छात्र बिना बैग के ही स्कूल पहुंचेगे और उस दिन छात्र-छात्राओं के लिए खेल-कूद के साथ अन्य एक्टिविटी की जाएगी।

समारोह में कई गणमान्य हुए शामिल 
वित्त मंत्री विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के साथ कई अधिकारी, शिक्षाविद, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन लोगों ने 2007 में ही देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर शिक्षा दिवस मनाना शुरू कर दिया था और अब हर साल यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके अनुरोध पर पूरे देश में 2008 से 11 नवंबर को शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा हैं। अबुल कलाम ने हमेशा देश की शिक्षा व्यवस्था को आगे ले जाने पर जोर दिया था और देश की एकता को लेकर काफी काम किए थे। देश के बंटवारे को रोकने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए थे।

अबुल कलाम ने शिक्षा व्यवस्था पर काफी काम कियाः नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार में आने के बाद अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा व्यवस्था को आगे ले जाने के लिए काफी काम किया। उन्होंने लड़कियों को शिक्षित करने के लिए साइकिल एवं छात्रवृति योजना शुरू की, जिसका असर अब बिहार में दिख रहा हैं। बिहार की योजना को देशभर में लागू किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी भी उनकी सरकार शिक्षा समेत अन्य विभाग में काम कर रही हैं और खाली पदों को भरा जा रहा हैं ताकि बेहतर तरीके से काम हो। नीतीश कुमार ने शिक्षकों की बहाली को लेकर कहा कि इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को प्रक्रिया जल्द पूरा करने का निर्देश दिया हैं।

नीतीश ने शिक्षकों को दिए सख्त निर्देश
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने शिक्षकों से कहा कि कागजों पर काम नहीं होना चाहिए। आप स्कूल जाइए और बच्चों को पढ़ाएं, आपका वेतन बढा दिया हैं। इसलिए अब पढ़ाने में कंजूसी नहीं कीजिए। उन्होंने कहा कि आजकल तो ज्यादा लोग मोबाइल में ही बिजी रहते हैं। इसपर ध्यान देने की जरूरत है। नई टेक्नोलॉजी को सीखिए और बच्चों को सिखाइए पर स्कूल में पढ़ाना भी जरूरी हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि जो शिक्षक नहीं पढाते हैं। उन्हें बाहर निकलवाइए। बात बनाने वाले लोगों की जरूरत अब स्कूलों में नहीं है।

पढी-लिखी महिलाओं में प्रजनन दर काफी कम हैंः सीएम
वहीं प्रजनन दर की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पढ़ी-लिखी महिलाओं में प्रजनन दर काफी कम हैं। धीरे-धीरे इसका सकारात्मक असर पड़ रहा हैं। महिला की शिक्षा में बढोतरी के साथ ही प्रजनन दर में कमी आती जाएगी। बेसिक के साथ ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढाई पर भी लड़कियों को जोर देना चाहिए। अगर पति- पत्नी पढ़ा लिखा रहेगा तो उस परिवार के बच्चों को बेहतर माहौल और संस्कार मिल पाएगा।


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Content Editor

Swati Sharma

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