मुसलमानों के हित में काम करने का CM नीतीश का दावा बिल्कुल निराधार और हास्यास्पदः कांग्रेस
4/22/2024 11:03:57 AM
पटनाः कांग्रेस के निवर्तमान विधान पार्षद (MLC) प्रेमचंद मिश्रा ने बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ सरकार में रहते हुए मुसलमान के हित में काम करने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे को निराधार और हास्यास्पद बताया है। मिश्रा ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि कटिहार और पूर्णिया की चुनावी सभा में नीतीश कुमार का यह दावा बिल्कुल निराधार और हास्यास्पद है कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर मुसलमान के हित में काम किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दावा सिर्फ भ्रम फैलाने की मात्र कोशिश है।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा देने के बावजूद उसके निर्माण कार्य में अभी तक कोई प्रगति क्यों नहीं हुई है। उन्होंने पूछा कि सरकार के अधीन कार्यरत संस्थाएं सुन्नी वक्फ बोर्ड, शिया वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी, उर्दू परामर्शदात्री समिति विगत छह वर्षों से मृतप्राय अवस्था में क्यों है और किस कारण उर्दू भाषा और साहित्यिक कार्य पूर्णत: बाधित है। मिश्रा ने यह भी पूछा कि बिहार सरकार का अल्पसंख्यक विभाग का बजट मात्र सात सौ करोड़ रुपए का क्यों है जबकि तेलंगाना जैसे छोटे राज्य का अल्पसंख्यक विभाग का बजट 42 सौ करोड़ रुपए का है। उन्होंने पूछा कि पत्रकार सम्मान योजना के तहत जहां सरकार कुल 58 पत्रकारों को पेंशन का लाभ देती हैं जिसमें एक भी उर्दू भाषा का पत्रकार का नाम क्यों नहीं है।
"BJP-JDU सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हुआ भेदभाव"
कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साल में दो बार होने वाली उर्दू अकादमी की बैठक भी कई वर्ष से क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा जदयू सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ न सिर्फ भेदभाव बरता गया है बल्कि उसकी उपेक्षा भी की गई है लेकिन मुख्यमंत्री चुनावी सभा में दावा कुछ और कर रहे हैं जो पूर्णत: निराधार और राजनीति से प्रेरित है। राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय को ऐसी बातों से भ्रमित नहीं किया जा सकता है ।