Bihar Assembly Election 2025: बिहार में तैनात होंगी 1700 कंपनियां, हर पोलिंग बूथ पर सख्त निगरानी
Tuesday, Oct 07, 2025-06:45 PM (IST)

Bihar Assembly Election 2025:बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की 500 कंपनियों की अग्रिम तैनाती शुरू कर दी गई है। वहीं, चुनाव से पहले शेष कंपनियों की तैनाती भी की जाएगी ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
इस बार बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे, ऐसे में सुरक्षा बलों की अधिक आवश्यकता पड़ने वाली है। चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य के कई जिलों में पहले से ही फोर्स की मूवमेंट की तैयारी शुरू हो चुकी है।
1800 कंपनियों की डिमांड, फिलहाल 500 भेजी गईं
सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव को देखते हुए कुल 1800 कंपनियों की मांग की गई है। इनमें से 500 कंपनियां अभी राज्य में भेजी जा रही हैं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आने वाले दिनों में 1200 अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने की संभावना है। इस तरह राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के लिए कुल 1700 से अधिक कंपनियों की तैनाती हो जाएगी।
बुधवार को साफ होगी तस्वीर
हालांकि, बिहार चुनाव में सुरक्षाबलों की कितनी कंपनियां अंतिम रूप से भेजी जाएंगी, इसका खुलासा बुधवार तक हो सकता है। आमतौर पर ऐसे चुनावों में CAPF, CRPF और RAF जैसी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती की जाती है, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी को रोका जा सके।
6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान
इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वहीं, मतगणना 14 नवंबर को होगी। पहले चरण में 121 सीटों, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। चूंकि दोनों चरणों के बीच का अंतर कम है, इसलिए सुरक्षा बलों के पास मूवमेंट के लिए सीमित समय रहेगा। यही कारण है कि इस बार ज्यादा संख्या में फोर्स की तैनाती की जा रही है।
पोलिंग बूथों पर बढ़ेगी सुरक्षा
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि हर पोलिंग बूथ पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, जिससे बूथों की संख्या बढ़ेगी।
स्वाभाविक रूप से, जब मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ेगी, तो सुरक्षा बलों की जरूरत भी बढ़ेगी।