"मैं पार्टी की मान्यता के लिए NDA से भीख मांग रहा हूं"....जीतन राम मांझी ने बताई 20 सीटें मांगने की वजह ।। Bihar Elections 2025
Tuesday, Sep 16, 2025-10:55 AM (IST)

Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा (HAM) के मुख्य संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपनी पार्टी के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से 15 से 20 सीटों की मांग की और कहा कि इस दावे के पीछे पार्टी की मान्यता बड़ी वजह है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर दावों का दौर शुरु हो चुका है।
"इन सीटों पर हमारा कोई दावा नहीं"
मांझी ने पटना में पत्रकारों से बात करते कहा कि हम पार्टी के हिन्दुस्तानी आवम मोर्चा गठन के बाद अभी तक निबंधित पार्टी हैं और उसे मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि हम पार्टी एनडीए के साथ हैं और गठबंधन के नेताओं से मेरी प्रार्थना है कि कम से कम हमें इतनी सीटें दें ताकि बिहार एसेंबली में इसे एक मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा मिले। मान्यता प्राप्त करने के लिए सीटों की संख्या बीस या कम से कम 15 सीटें भी हो सकती हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मैं अपनी पार्टी की मान्यता के लिए एनडीए के नेताओं से भीख मांग रहा हूं, इन सीटों पर हमारा कोई दावा नहीं है।
2020 में हम ने 7 सीटों पर लड़ा था चुनाव
गौरतलब है कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने 2020 विधान सभा चुनाव में राजग गठबंधन के साथ मिलकर 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी केवल चार सीटें जीत पाई थी। पार्टी का वोट प्रतिशत 0.89 फीसदी रहा। जबकि एक सांसद के रुप में खुद मांझी केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं लेकिन 6 प्रतिशत मतों के नियम से वो काफी दूर हैं। दरअसल किसी भी राजनीतिक दल को राज्य स्तर की मान्यता तब मिलती है जब विधान सभा चुनाव में डाले गए वैध मतों का 6 फीसदी मत उसे प्राप्त हो और राज्य विधानसभा में कम से कम दो सीटों पर उनके विधायक हों। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में राज्य में कुल वैध मतों का 6 फीसदी उसे प्राप्त करता हो और उसी राज्य से 1 सीट पर जीत मिली हो, लेकिन मांझी की पार्टी इन मानको पूरा नहीं कर पा रही है।
मांझी इस मान्यता को इस लिए भी प्राप्त कर उन सुविधाओं को प्राप्त करना चाहते है जो इसके बाद मिलते हैं। इस मान्यता के बाद उनका चुनाव चिन्ह राज्य में स्थाई हो जाएगा। उन्हें 40 स्टार प्रचारक रखने की मंजूरी मिल जाएगी और टेलीविजन तथा रेडियो स्टेशनों पर राजनीतिक प्रसारण के लिए समय की स्वीकृति और निर्वाचन सूचियों को प्राप्त करने की सुविधा भी मिलेगी।