Daraundha Assembly Seat: दरौंदा विधानसभा सीट पर क्या बीजेपी कैंडिडेट को टक्कर दे पाएगी RJD? ।। Bihar Election 2025
Monday, Sep 08, 2025-05:33 PM (IST)
Daraundha Assembly Seat: दरौंदा विधानसभा सीट सीवान लोकसभा के तहत आता है। 2010 में दरौंदा में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू की टिकट पर जगमातो देवी ने जीत हासिल की थी। जगमातो देवी ने आरजेडी के कैंडिडेट को चुनाव में पटखनी दी थी। 2015 में दरौंदा सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू की टिकट पर कविता सिंह ने जीत हासिल कर लिया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में दरौंदा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कर्णजीत सिंह ने जीत का परचम लहराया था।

एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में दरौंदा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कर्णजीत सिंह ने जीत का परचम लहराया था। कर्णजीत सिंह को 71 हजार नौ सौ 34 वोट मिला था तो सीपीआई(एमएल)एल कैंडिडेट अमरनाथ यादव 60 हजार छह सौ 14 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से कर्णजीत सिंह ने अमरनाथ यादव को 11 हजार तीन सौ 20 वोट के अंतर से हराया। वहीं निर्दलीय रोहित कुमार 10 हजार दो सौ 99 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में दरौंदा सीट से जेडीयू उम्मीदवार कविता देवी ने जीत हासिल किया था। कविता देवी को 66 हजार दो सौ 55 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट जितेंद्र स्वामी को 53 हजार 33 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से कविता देवी ने जितेंद्र स्वामी को 13 हजार 22 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं 8 हजार नौ सौ 83 वोट के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।

एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में दरौंदा सीट से जेडीयू की टिकट पर जगमातो देवी ने जीत हासिल की थी। जगमातो देवी को 49 हजार एक सौ 15 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट बिनोद कुमार सिंह, 17 हजार नौ सौ 80 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से जगमातो देवी ने बिनोद कुमार सिंह को 31 हजार एक सौ 35 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट विजय शंकर दुबे, 8 हजार तीन सौ 99 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
दरौंदा सीट पर ब्राह्मण और राजपूत वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। साथ ही मुस्लिम और यादव वोटरों की स्थिति भी यहां अच्छी है। दरौंदा सीट को एनडीए का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसलिए आरजेडी उम्मीदवार के लिए यहां एनडीए कैंडिडेट को टक्कर देना आसान नहीं होगा।