Tej Pratap-Aishwarya: राबड़ी आवास जैसा घर, कार, और हर महीने डेढ़ लाख रुपए... जानें ऐश्वर्या ने तेजप्रताप से क्या-क्या डिमांड रखी?
Thursday, Feb 13, 2025-10:55 AM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2025_2image_10_39_526761615tejpratap.jpg)
Tej Pratap-Aishwarya: लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) के तलाक (Divorce) और घरेलू हिंसा का मामला पिछले 6 साल से कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच अब ऐश्वर्या राय ने तेजप्रताप से कई सारी नई मांगे रख दी हैं। ऐश्वर्या राय ने राबड़ी आवास (Rabri Awaas) जैसे घर, एक कार, ड्राइवर और नौकर की डिमांड रखी है। साथ ही वह हर महीने खर्चे के लिए डेढ़ लाख रुपए चाहती हैं। इस पर अब 18 फरवरी को सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को दिया ये आदेश
दरअसल, लगभग 6 साल से ऐश्वर्या राय और तेजप्रताप के तलाक का मामला पटना की फैमिली कोर्ट में चल रहा है। वहीं पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने फैमिली कोर्ट (Family Court) को 6 महीने में इस केस को निपटाने के आदेश दिए हैं। उधर, ऐश्वर्या ने पटना के एसके पुरी इलाके में राबड़ी आवास जैसी सुविधा वाले घर की मांग की है। बता दें कि सितंबर 2023 में फैमिली कोर्ट ने तेजप्रताप को आदेश दिया था कि ऐश्वर्या के लिए रहने की व्यवस्था की जाए। तेजप्रताप ने पटना के गोला रोड में ₹20,000 किराए वाले तीन कमरे के फ्लैट की पेशकश की, लेकिन ऐश्वर्या ने इसे लेने से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने एसके पुरी इलाके के घर को चिह्नित कर मांगी जानकारी
इसके बाद 10 जून 2024 को ऐश्वर्या ने आवेदन देकर नया घर, कार और अन्य सुविधाओं की मांग की। अब कोर्ट ने ऐश्वर्या से एसके पुरी इलाके के घर को चिह्नित कर जानकारी मांगी है। दरअसल, तेजप्रताप यादव के वकील जगन्नाथ सिंह ने कहा कि तेजप्रताप अब तक जो भी पैसे दे चुके हैं, उसे ऐश्वर्या को वापस करना चाहिए। इस पर ऐश्वर्या ने ₹10 लाख लौटा दिए, लेकिन बाद में उन्होंने ₹1.5 लाख महीना भत्ता और अन्य सुविधाओं की मांग कर दी।
गौरतलब है कि 2019 में फैमिली कोर्ट ने आदेश दिया था कि ऐश्वर्या को ₹22,000 प्रति माह अंतरिम गुजारा भत्ता दिया जाए। लेकिन 2020 में ऐश्वर्या ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उन्हें पैसे नहीं, बल्कि 10 सर्कुलर रोड जैसा घर और सुविधाएं चाहिए। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामला फैमिली कोर्ट को सौंप दिया और अब छह महीने में फैसला सुनाने के निर्देश दिए हैं।