Prime Minister Housing Scheme: PM आवास योजना का लाभ मिलने के बाद भी अपने घर से क्यों वंचित रह गए लाभुक? बयां किया अपना दर्द
Wednesday, Nov 26, 2025-01:05 PM (IST)
Prime Minister Housing Scheme: प्रधानमंत्री आवास योजना लाभुकों को अपना आशियाना देने के लिए शुरू की गई है, लेकिन झारखंड में कुछ लोग ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने के बाद भी अपने घर से वंचित हैं।
अपने आशियाने से वंचित हैं लाभुक
बताया जा रहा है कि देवघर के कुछ लाभुकों ने अपने हिस्से की राशि बैंक से कर्ज लेकर, कुछ ने गहना बेचकर भुगतान किया ताकि उन्हें अपनी छत मिले, लेकिन नहीं मिली। पिछले छह सालों से उनके घर का निर्माण कार्य का पूरा नहीं हुआ है। अब लाभुक अपने किराए के कमरे का भी भाड़ा दे रहे हैं और लोन की किस्त भी चुका रहे हैं। लाभुकों का कहना है कि वह लगातार विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई उनकी समस्या का समाधान नहीं निकाल रहा। हालांकि जुडको के प्रतिनिधि द्वारा 14 दिसंबर तक गृह प्रवेश कराने का आश्वासन दिया गया है।
लाभुकों ने बयां किया अपना दर्द
एक लाभुक ने बताया कि आवास के लिए 4.24 लाख देने के लिए बैंक से लोन भी लिया और गहना भी बेचकर जमा करा दिया गया, लेकिन अब तक आवास मिला नहीं। अब लोन का ब्याज चुकाने पड़ रहा है। छह माह बाद बेटी की शादी है। शादी की तैयारी करें, बैंक का ब्याज अदा करें या फिर घर का किराया दें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। एक ने कहा कि 2023 में ही आवास पाने के लिए अपना फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़कर राशि जमा कराई, लेकिन अब तक आवास नहीं मिला। विभाग का चक्कर लगा-लगाकर थक चुके हैं लेकिन एजेंसी पर सारी जवाबदेही डालकर चुप्पी साध रखी है। किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, एक ने कहा कि आवास मद में राशि का भुगतान बैंक से लोन लेकर जमा कर दिया। राशि जमा कराए, एक वर्ष से भी अधिक समय गुजर गया, लेकिन आवास नहीं मिला। उल्टे स्थिति ऐसी हो गई है कि बैंक से लिए लोन का ब्याज के रूप में 3300 और 4500 रुपये घर का किराया देना पड़ रहा है। आवास तो मिला नहीं लेकिन दोहरी मार झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य पात्र शहरी और ग्रामीण परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है। इसके तहत, सरकार गृह ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे मासिक किस्त (EMI) कम होती है। योजना के तहत घरों में शौचालय, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाती हैं और महिलाओं के नाम पर संपत्ति के स्वामित्व को प्राथमिकता दी जाती है।

