नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला: आज ED के समक्ष पेश होंगे Tejashwi Yadav

4/11/2023 10:12:05 AM

नई दिल्ली/पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होंगे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में पिछले महीने यादव (33) से पूछताछ की थी।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक अलग मामला दर्ज किया था और उसके मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव का बयान दर्ज करने की उम्मीद है। ईडी ने इस मामले में 25 मार्च को तेजस्वी यादव की बहन एवं सांसद मीसा भारती से भी पूछताछ की थी। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने इस मामले में हाल में कार्रवाई शुरू की।

सीबीआई ने लालू प्रसाद तथा उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी तथा ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी ने छापेमारी के बाद कहा कि उसने एक करोड़ रुपए की ‘‘आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक नकदी'' बरामद की और अपराध में इस्तेमाल 600 करोड़ रुपए के लेन-देन का पता लगाया है। उसने कहा कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की तरफ से रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। कथित घोटाला उस समय हुआ था, जब प्रसाद 2004-09 की अवधि के दौरान केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन- प्रथम नीत सरकार में रेल मंत्री थे।

सीबीआई का आरोप है कि भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी' पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों को और इस मामले में लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड' को अपनी जमीन हस्तांतरित की थी। सीबीआई का आरोप है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।

सीबीआई द्वारा लालू एवं उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ के बाद तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा कि तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के पास नौकरी के बदले रोजगार देने का ‘‘कोई अधिकार'' नहीं था।


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Nitika

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