तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना पर PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- यह बदलाव का बड़ा मौका

Saturday, May 03, 2025-12:19 PM (IST)

Tejashwi wrote a letter to PM Modi: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi)को पत्र लिखकर शनिवार को राष्ट्रीय जनगणना (Caste Census) में जाति-आधारित डेटा शामिल करने के केंद्र के हालिया फैसले का स्वागत किया है। तेजस्वी यादव ने इस कदम को "समानता की ओर हमारे राष्ट्र की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण" कहा।

एक्स पर पत्र साझा करते हुए, यादव ने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को मेरा पत्र। जाति जनगणना कराने का निर्णय हमारे देश की समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है। इस जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग सिर्फ़ आंकड़ों की नहीं बल्कि सम्मान की, सिर्फ़ गणना की नहीं बल्कि सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पत्र में, तेजस्वी ने केंद्र के इस कदम पर "सतर्क आशावाद" व्यक्त करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने सालों तक जाति जनगणना की माँगों का विरोध किया था, इसे विभाजनकारी और अनावश्यक बताकर खारिज कर दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब बिहार ने जाति सर्वेक्षण किया तो केंद्र ने बार-बार बाधा डाली, जिसमें अधिकारियों और भाजपा नेताओं का विरोध भी शामिल था। "आपका विलंबित निर्णय उन नागरिकों की मांगों की व्यापकता को स्वीकार करता है जिन्हें लंबे समय से हमारे समाज के हाशिए पर धकेल दिया गया है।" 

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बिहार जाति सर्वेक्षण का किया जिक्र
यादव ने बिहार जाति सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए पत्र लिखा, जिसमें पता चला कि ओबीसी और ईबीसी राज्य की आबादी का लगभग 63% हिस्सा हैं। यादव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह के डेटा यथास्थिति बनाए रखने के लिए बनाए गए कई मिथकों को तोड़ सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना अपने आप में एक अंत नहीं होनी चाहिए, बल्कि "सामाजिक न्याय की ओर लंबी यात्रा का पहला कदम मात्र होनी चाहिए"। पत्र में कहा गया है, "जनगणना के आंकड़ों से सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण पर मनमानी सीमा पर भी पुनर्विचार करना होगा।" 

केवल गणना नहीं बल्कि सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे लोग
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री को बिहार के सहयोग का आश्वासन दिया और लिखा, "बिहार के प्रतिनिधि के रूप में, जहां जाति सर्वेक्षण ने जमीनी हकीकत के प्रति कई लोगों की आंखें खोली हैं, मैं आपको वास्तविक सामाजिक परिवर्तन के लिए जनगणना के निष्कर्षों का उपयोग करने में रचनात्मक सहयोग का आश्वासन देता हूं। इस जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग केवल डेटा नहीं बल्कि सम्मान, केवल गणना नहीं बल्कि सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।" 


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Ramanjot

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