डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शुरू की मिट्टी की सेहत सुधारने की बड़ी पहल
Thursday, Sep 25, 2025-07:13 PM (IST)

पटना:उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मिट्टी जाँच का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक आधार पर उर्वरकों के उपयोग के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि मिट्टी के नमूनों की जाँच कर प्राप्त परिणामों के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग सुनिश्चित करने से न केवल कृषि योग्य भूमि की सेहत को बनाए रखा जा सकता है, बल्कि फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग सेे मिट्टी की उर्वरता प्रभावित हो रही है। अतः इसकी रोकथाम हेतु इस प्रवृत्ति में बदलाव लाने और सतत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के लिए मृदा परीक्षण अनिवार्य कदम है।
उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3.00 लाख मिट्टी नमूनों के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 2.41 लाख मिट्टी नमूने प्रयोगशालाओं में प्राप्त किए जा चुके हैं, जिनमें से 1.20 लाख मिट्टी नमूनों का विश्लेषण कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने में लगने वाले समय को न्यूनतम करने के उद्देश्य से एक नई पहल की गई है। अब किसानों को उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे मोबाइल पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे समय की बचत हो रही है।
सिन्हा ने बताया कि ऑनलाइन उपलब्ध स्वॉयल हेल्थ कार्ड में किसान अपनी आवश्यकतानुसार लगभग 106 विभिन्न फसलों के लिए वैज्ञानिक अनुशंसाएँ प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा किसानों को सही फसल चयन एवं संतुलित पोषण प्रबंधन में सहायता करेगी।
उप मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से राज्य के किसान अधिक जागरूक और तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे। मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी और बिहार की कृषि उत्पादकता नए आयाम स्थापित करेगी।