शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण और पोषण सुरक्षा के दोहरे लाभ को साधेगा ‘छत पर बागवानी योजना’ : विजय कुमार सिन्हा
Monday, Sep 22, 2025-07:56 PM (IST)

पटना: उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा देने एवं नागरिकों को ताज़ा और जैविक फल-सब्जियाँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से “छत पर बागवानी अन्तर्गत गमले एवं फार्मिंग बेड योजना” लागू कर रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना पर कुल 03 करोड़ 17 लाख रुपये मात्र की लागत निर्धारित की गई है। इसके लिए राशि की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। प्रारंभिक चरण में इस योजना का कार्यान्वयन राज्य के चार जिलों पटना, गया, मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर के नगर निगम क्षेत्रों में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में घरों की छतों पर जैविक फल, फूल एवं सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना है। साथ ही इससे पर्यावरण में सुधार, शहरी प्रदूषण में कमी तथा शहरों में हरित क्षेत्र और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल न केवल शहरी परिवारों को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्धक आहार उपलब्ध कराएगी, बल्कि नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जागरूक बनाएगी।
योजना की संरचना के संबंध में बताया गया कि गमला योजना के अंतर्गत प्रति इकाई (30 गमले पौधों सहित) की लागत राशि 10 हजार रुपये है, जिस पर राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत अर्थात 7 हजार 500 रुपये इन काइंड के रूप में एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार फार्मिंग बेड योजना में प्रति इकाई लागत राशि 60 हजार रुपये निर्धारित है। इस पर 75 प्रतिशत अर्थात 45 हजार रुपये का अनुदान इन काइंड के रूप में दिया जाएगा। इसमें प्रथम किश्त के रूप में कुल अनुदान का 90 प्रतिशत अर्थात 40 हजार 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा। शेष 10 प्रतिशत राशि अर्थात 4 हजार 500 रुपये कार्य सम्पन्न होने के उपरान्त लाभुकों से प्राप्त संतोषजनक प्रमाण-पत्र के आधार पर एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से शहरी परिवारों को अपने उपयोग हेतु ताज़ी एवं जैविक सब्जियाँ और फल प्राप्त होंगे। इसके अतिरिक्त छतों पर बागवानी से वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा, तापमान नियंत्रित रहेगा तथा शहरी क्षेत्रों में प्राकृतिक सौंदर्य में भी वृद्धि होगी। यह पहल बिहार को पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठाएँ और छतों पर हरियाली विकसित कर स्वस्थ व स्वच्छ बिहार निर्माण में योगदान दें।