बिहार में धूमधाम से मनाई गई मकर संक्रांति, हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में भक्तों ने किया गंगा स्नान

1/14/2021 3:06:05 PM

 

पटनाः बिहार में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गई। आज के दिन से सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने की शुरुआत होती हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के समय को शुभ माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं।
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पृथ्वी 2 गोलार्द्धों में बंटी हुई है ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दाक्षिणी गोलार्द्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन और सूर्य जब उत्तरी गोलार्द्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं। साथ ही 12 राशियां होती हैं, जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। चूड़ा-दही के पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर पटना के आस-पास के ग्रामीण इलाकों से गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला 2 दिन पहले से ही शुरु हो गया था, जो गुरुवार सुबह तक जारी रहा। कोरोना महामारी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बावजूद भक्तों ने सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही गंगा स्नान शुरू किया।
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ग्रामीण इलाकों के अलावा शहर के विभिन्न मुहल्लों से श्रद्धालुओं ने राजधानी के महेन्द्रू घाट, समाहरणालय घाट, काली घाट, भ्रद घाट, गांधी घाट, कृष्णा घाट सहित विभिन्न घाटों पर जाकर गंगा नदी में स्नान किया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की। मकर संक्रांति के दिन भगवान भास्कर और विष्णु पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर निरोग होता है तथा यश मिलता है।


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Nitika

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