बिहार गंगा प्रदूषण: NGT ने छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को लेकर दी चेतावनी, कहा- मुख्य सचिव को करेंगे तलब

2/29/2024 2:39:40 PM

नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने चेतावनी दी है कि यदि बिहार गंगा जल प्रदूषण पर मांगी गई जानकारी छह सप्ताह के भीतर देने में विफल रहता है तो वह बिहार के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश देगा। एनजीटी बिहार में गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। 

हरित अधिकरण ने पिछले साल पांच राज्यों में गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण का मुद्दा उठाया था। बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले गंगा नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने बिहार की ओर से 17 फरवरी को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के 38 जिलों में से 20 जिलों ने अधूरी और आंशिक रूप से गलत जानकारी के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इस पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं। 

पीठ ने कहा कि आवश्यक जानकारी छह सप्ताह के भीतर विभिन्न जिलों की गंगा संरक्षण समितियों के प्रमुख जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्तुत की जानी चाहिए। एनजीटी ने 19 फरवरी को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि यदि अधिकरण के समक्ष पूरी अपेक्षित जानकारी प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो हमें मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश देने की आवश्यकता हो सकती है।'' इस मामले की अगली सुनवाई अब एक मई को होगी। 


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Ramanjot

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