"चुनाव प्रचार में AI आधारित सामग्री के दुरुपयोग से बचें ", राजनीतिक दलों को Election Commission की सख्त हिदायत

Thursday, Oct 09, 2025-09:53 AM (IST)

Bihar Assembly Elections: निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा की घोषणा के साथ प्रभाव में आए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के तहत राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित सामग्री के दुरुपयोग से बचने की सख्त हिदायत दी है। 

"अपुष्ट आरोपों या तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें"

आयोग ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले सभी प्रचार-सामग्री पर भी लागू होते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि अन्य दलों या उम्मीदवारों की आलोचना उनके नीतिगत रुख, कार्यक्रमों, कार्यों और पिछले रिकॉर्ड तक ही सीमित रहने चाहिए। आयोग ने कहा, ‘‘दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना अपुष्ट आरोपों या तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किए जाने चाहिए।'' 

सोशल मीडिया पोस्ट पर चुनाव आयोग की रहेगी कड़ी निगरानी

निर्वाचन आयोग ने सभी दलों को आगाह किया कि “एआई” तकनीक का उपयोग कर “डीपफेक” या भ्रामक वीडियो तैयार करना और उन्हें सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित करना चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है। आयोग ने कहा कि चुनावी अखंडता की रक्षा के लिए ऐसे प्रयासों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। निर्देश के अनुसार, अगर कोई दल या उम्मीदवार अपने प्रचार में एआई-जनित, डिजिटल रूप से परिवर्तित या कृत्रिम सामग्री का उपयोग करता है, तो उसे स्पष्ट रूप से ‘‘एआई जेनरेटेड'', ‘‘डिजिटली एन्हैंस्ड'' या ‘‘सिंथेटिक कंटेंट'' जैसे लेबल के साथ प्रदर्शित करना होगा। 

आयोग ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि चुनावी माहौल को दूषित होने से रोका जा सके। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित दल या उम्मीदवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए एआई के दुरुपयोग के खिलाफ पार्टियों के लिए कुछ निर्देश जारी किए थे। बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी।


 


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Content Editor

Harman

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