Bihar Assembly Election 2025: AI Technology के ज़रिए भ्रामक वीडियो बनाना अब पड़ेगा भारी, EC ने दी सख्त चेतावनी

Thursday, Oct 09, 2025-08:34 PM (IST)

Bihar Assembly Election 2025:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी दल या उम्मीदवार Artificial Intelligence (AI) का दुरुपयोग कर Deepfake Videos या Fake Content न बनाए।

आयोग ने यह निर्देश ऐसे वक्त में दिया है जब राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू है और पहले चरण की अधिसूचना शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को जारी की जानी है। बिहार में दो चरणों — 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव परिणाम (Election Result) 14 नवंबर को आएंगे।


AI से छेड़छाड़ पर आयोग का सख्त रुख

निर्वाचन आयोग ने गुरुवार (09 अक्टूबर 2025) को कहा कि आचार संहिता (MCC) के नियम इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा किए जाने वाले हर प्रचार सामग्री पर लागू होंगे। कहा गया कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की आलोचना उनके नीतिगत फैसलों, कार्यक्रमों और कार्यों तक सीमित रहनी चाहिए, न कि झूठे या भ्रामक तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।

 ‘AI Generated Content’ का खुलासा जरूरी

अगर कोई पार्टी या उम्मीदवार अपने प्रचार में AI-Generated, Digitally Enhanced या Synthetic Content का इस्तेमाल करता है, तो उसे स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि सामग्री कृत्रिम तकनीक से तैयार की गई है। आयोग ने कहा कि “भ्रामक वीडियो या डीपफेक (Deepfake Videos) बनाना चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है और इसे गंभीर अपराध माना जाएगा।”

सोशल मीडिया पर रखी जा रही कड़ी नजर

आयोग ने साफ कहा है कि सोशल मीडिया (Social Media Monitoring) पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी उम्मीदवार या दल गलत जानकारी फैलाकर मतदाताओं को गुमराह न करे। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित पार्टी या उम्मीदवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी।

जनवरी 2025 में जारी हुआ था परामर्श

दरअसल, इस साल जनवरी में आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को एआई तकनीक के जिम्मेदार उपयोग को लेकर एक परामर्श जारी किया था।
उसमें कहा गया था कि किसी भी प्रचार सामग्री — चाहे वह वीडियो, ऑडियो या इमेज हो — अगर AI Technology से तैयार की गई है, तो उस पर स्पष्ट रूप से “AI Generated” या “Digitally Enhanced” का लेबल लगाना अनिवार्य होगा।

चुनावी पारदर्शिता पर जोर

आयोग का कहना है कि चुनावों में पारदर्शिता और मतदाताओं का भरोसा बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे AI Technology का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें और Digital Manipulation से दूर रहें।


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Content Writer

Ramanjot

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