Bihar News : गणित दिवस पर श्रीनिवास रामानुजन टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स के सफल छात्रों को मिला पुरस्कार

Monday, Dec 22, 2025-10:01 PM (IST)

Bihar News: राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा आज ज्ञान भवन, पटना में श्रीनिवास रामानुजन टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स–2025 के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के उपलक्ष्य में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सुनील कुमार, मंत्री ,विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग सम्मिलित हुए । 

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं श्रीनिवास रामानुजन के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया। डॉ. प्रतिमा, विभागीय सचिव, ने सभा का स्वागत करते हुए सुनील कुमार, मंत्री, DSTTE का अभिनंदन किया और उल्लेख किया कि विभागीय पदभार ग्रहण करने के उपरान्त यह उनका प्रथम प्रमुख कार्यक्रम है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों, विजेता छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों, विभागीय अधिकारियों एवं कर्मियों, प्रिंट मीडिया तथा छायाचित्रण मीडिया से आए प्रतिनिधियों का भी हार्दिक स्वागत किया ।

अपने स्वागत भाषण में डॉ. प्रतिमा ने विजेता छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा: “रामानुजन ने सीमित साधनों में रहते हुए गणित के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया। उनका जीवन यह संदेश देता है कि कठिनाइयाँ कभी भी प्रतिभा को रोक नहीं सकतीं। वे आज भी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो हमें यह सिखाते हैं कि जिज्ञासा और समर्पण से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।” 

उन्होंने आगे कहा कि विभाग का उद्देश्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता सुनिश्चित करना ही नहीं है, बल्कि तकनीकी शिक्षा के बदलते आयामों के अनुरूप विद्यार्थियों को सशक्त बनाना भी है। बीपीएससी चयनित शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 

साथ ही उद्योग आधारित कई नए पाठ्यक्रम जैसे लेदर टेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग तथा एआई-इंटीग्रेटेड कोर्स भी शुरू किए गए हैं। विभाग विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वास्थ्य उप-केन्द्र, मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, विदेशी भाषाओं (जापानी, फ्रेंच, जर्मन) की शिक्षा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, स्मार्ट क्लासरूम, ओपन जिम और खेल मैदान जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है। 

इस दौरान माननीय मंत्री सुनील कुमार ने  सर्वप्रथम डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी की ऑनलाइन ई-टिकटिंग सेवा का उद्घाटन किया।  मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी ज्ञान, जिज्ञासा और नवाचार का जीवंत संगम है। यहाँ की विश्वस्तरीय ‘बी.ए. साइंटिस्ट’ एवं ‘बेसिक साइंस’ गैलरियाँ विद्यार्थियों को विज्ञान को केवल पढ़ने तक सीमित न रखकर उसे देखने, समझने और अनुभव करने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे साइंस सिटी का भ्रमण कर विज्ञान के प्रति जिज्ञासा विकसित करें और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ें। 

इसके उपरांत उन्होंने सभी सफल छात्र-छात्राओं, उनके शिक्षकों एवं अभिभावकों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि विद्यार्थियों की मेहनत, अनुशासन और निरंतर अभ्यास का परिणाम है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसका सकारात्मक प्रभाव आज राज्य की शैक्षणिक उपलब्धियों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। 

उन्होंने कहा कि रामानुजन टैलेंट सर्च टेस्ट “विकास के साथ न्याय” की अवधारणा का सशक्त उदाहरण है, जहाँ समाज के सभी वर्गों के विद्यार्थियों को समान अवसर मिलता है। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप एवं इनक्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रही है, ताकि युवा नई सोच और नए विचारों के साथ आगे बढ़ सकें।उन्होंने कहा कि “बच्चे केवल माता-पिता के नहीं होते, बल्कि वे जीवन की आगे बढ़ने की आकांक्षा का स्वरूप होते हैं।” यह विचार हमें यह समझाता है कि बच्चों की प्रतिभा को खुला वातावरण देना आवश्यक है। 

उन्होंने आगे कहा कि इस ठिठुरती सर्दी के दिन बिहार के विभिन्न कोनों से अपने बच्चों के साथ समारोह में सम्मिलित हुए अभिभावकों और विद्यार्थियों को मैं विशेष बधाई देता हूँ। उनकी उपस्थिति परिवारों और राज्य की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देती है। 

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब सभी इंजीनियरिंग (38) और पॉलिटेक्निक (46) कॉलेज अपने स्थायी परिसरों में संचालित हो रहे हैं, जहाँ छात्रावास, संकाय आवास और आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। मात्र ₹10 मासिक शुल्क में इंजीनियरिंग शिक्षा तथा ₹5 मासिक शुल्क में पॉलिटेक्निक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि यह पहल बिहार के तकनीकी उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में निरंतर विकसित होने का प्रमाण है। 

अंत में उन्होंने परीक्षा के सफल आयोजन हेतु विभागीय टीम को बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 

इस अवसर पर वर्ग 6 से वर्ग 12 तक के कुल 532 छात्र-छात्राएँ, जो जिला स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय तथा राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुए थे, उपस्थित रहे। राज्य स्तर के 21 टॉपर छात्रों को लैपटॉप, प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो एवं मेडल प्रदान किए गए। जिला स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त छात्रों को क्रमशः ₹5,000 एवं ₹3,000 नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान किए गए। सभी चयनित विद्यार्थियों को ₹1,000 की यात्रा सहायकता राशि भी दी गई। इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर तृतीय से दशम स्थान प्राप्त विजेताओं को उनके संबंधित जिला स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में सम्मानित किया गया, जो प्रत्येक जिले में स्थापित हैं।

कार्यक्रम में डॉ. प्रतिमा, विभागीय सचिव , अहमद महमूद, अपर सचिव-सह-निदेशक, डॉ. एस.के. वर्मा, कुलपति, बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय, डॉ. अनन्त कुमार ,परियोजना निदेशक (बीसीएसटी) तथा अन्य वरिष्ठ विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में अपर सचिव-सह-निदेशक अहमद महमूद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि “आपकी प्रतिभा और मेधा राज्य के लिए गौरव का विषय है।“ उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य स्तर के टॉपर छात्र-छात्राओं के लिए विभाग की ओर से साइंस सिटी और तारामंडल, पटना, जो विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन संचालित हैं, का विशेष भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसका लाभ वे अपनी सुविधा अनुसार कभी भी उठा सकते हैं।


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Ramanjot

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