​"बिहार में मतदाता सूची से घुसपैठियों को निकालने की कवायद है SIR", सीतामढ़ी में बोले अमित शाह

Friday, Aug 08, 2025-06:38 PM (IST)

Bihar News: केन्द्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने आज कहा कि बिहार में चल रहे मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), घुसपैठियों के नाम सूची से बाहर निकाले जाने का कवायद है, क्योंकि किसी भी हाल में उन्हें चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है।

विपक्षी दल काफी शोर-शराबा कर रहे...- Amit Shah
अमित शाह (Amit Shah) ने सीतामढ़ी जिले की पावन और पौराणिक धरती पुनौरा धाम में भव्य माता जानकी मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के बाद यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जा रहा है, जिसे लेकर विपक्षी दल काफी शोर-शराबा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता भी लगातार एसआईआर को लेकर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर पर सवाल उठाया जाना संविधान के प्रावधान के खिलाफ बात करने के समान है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी सभी जगह संविधान की एक प्रति लेकर घूमते रहते हैं, अच्छा होगा कि वह इसे एक बार पढ़ भी लें। उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल से ही एसआईआर का कार्य लगातार होता रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया गया था।        

SIR  का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से घुसपैठियों को बाहर निकालना-  Amit Shah
शाह ने कहा कि एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से घुसपैठियों को बाहर किया जाना है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संविधान पढ़कर यह समझ लेना चाहिये कि घुसपैठियों को किसी भी सूरत में मतदान करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि सच्च्चाई यह है बिहार में कांग्रेस और राजद के लिये घुसपैठिया एक बड़ा वोट बैंक है और इसलिये ये दल एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। बिहार के युवओं को यह समझना होगा कि घुसपैठिये के आने से उनके रोजगार पाने का हक छीना जाता है।उन्होंने कहा कि घुसपैठिये बिहार के युवाओं का नौकरी खा जा रहे हैं और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 


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Content Editor

Swati Sharma

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