6 दिनों के बाद भी बाहर नहीं निकल पाए झारखंड के मजदूर, जिंदा बचने की संभावना कम! इस कारण रेस्क्यू में हो रही देरी
Friday, Feb 28, 2025-05:52 PM (IST)
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Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नगरकुरनूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन खंड का कुछ हिस्सा ढहने से सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को 6 दिन बीत जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला गया है। आज रेस्क्यू का 7वां दिन है। फंसे मजदूरों में 4 झारखंड के मजदूर शामिल हैं। चारों गुमला के रहने वाले हैं। इनमें केवल 1 ही मजदूर शादीशुदा है।
मलबा और पानी जमा होने के कारण रेस्क्यू में हो रही देरी
अंदर फंसे मजदूरों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। न ही आवाज लगाने पर मजदूरों की तरफ से जवाब आ रहा है। बीते शुक्रवार को साउथ सेंट्रल रेलवे (SCR) की 2 टीमें भी रेस्क्यू के लिए पहुंचीं। टीम भारी धातुओं को प्लाज्मा कटर और ब्रॉक कटिंग मशीन जैसे आधुनिक उपकरणों से काटने रास्ते से हटा रही है। नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिक भी मौके पर पहुंचे हैं। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) की मदद से मलबे में दबे मजदूरों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, किसी भी मजदूर के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम है। मलबा साफ करने और टनल के पानी को बाहर निकालने का काम चल रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी, NDRF, SDRF के अलावा राज्य सरकार की अन्य एजेंसियों के 600 के करीब कर्मी जुटे हैं। उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों को निकालने वाली टीम को भी इसमें शामिल किया गया है। दरअसल, पानी और मलबा इस अभियान में कई बड़ी रूकावटें पैदा कर रहा है। सुरंग के अंदर मलबा और भारी उपकरण जमा होने के कारण, टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अन्य सुरंगों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण है।
इस अभियान में अब 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां लगी हुई हैं। इनमें सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, MORPH, सिंगरेनी, HYDRAA, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, नवयुग और एलएंडटी सुरंग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) शामिल हैं। सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों को निकालने में मदद करने वाली रैट माइनर्स की टीम भी बचाव दल में शामिल है।