सीवान लोकसभा सीट पर JDU ने विजया लक्ष्मी कुशवाहा को दिया टिकट, हिना शहाब करेंगी RJD का भारी नुकसान

4/5/2024 2:27:52 PM

 

सीवान: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक सीवान लोकसभा सीट है। उत्तर बिहार में सीवान की पहचान देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम से होती है। सीवान का नामकरण मध्यकाल में यहां के राजा शिवमान के नाम पर पड़ा था। यहां स्थित महेंद्रनाथ का मंदिर धार्मिक रूप से खासा महत्व रखता है। एक वक्त में सीवान की पहचान बाहुबली शहाबुद्दीन के नाम से होने लगी थी।

PunjabKesari

सीवान संसदीय सीट के इतिहास पर नजर डालें तो 1957 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के झूलन सिंह चुनाव जीते। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस के ही मोहम्मद युसूफ सांसद चुने गए। 1977 में यह सीट भारतीय लोक दल के पास गई और मृत्यूंजय प्रसाद वर्मा सांसद बने। 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और मोहम्मद युसूफ सांसद चुने गए। 1984 में कांग्रेस के ही अब्दुल गफूर चुनाव जीते। 1989 के चुनाव में बीजेपी ने सीवान से अपना खाता खोला और जर्नादन तिवारी यहां से चुनाव जीते। 1991 में जनता दल के टिकट पर बृषिण पटेल यहां से सांसद बने।

PunjabKesari

1996 के चुनाव में बाहुबली शहाबुद्दीन की एंट्री हुई। जनता दल के टिकट पर वे चुनाव मैदान में उतरे और बीजेपी के जर्नादन तिवारी को करारी शिकस्त दी। इसके बाद जब लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल बनाई तो बाहुबली शहाबुद्दीन आरजेडी में शामिल हो गए। इसके बाद 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में आरजेडी के टिकट पर वे जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद तेजाब कांड में सजा होने के बाद शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई और 2009 में निर्दलीय ओमप्रकाश यादव सांसद चुने गए तो वहीं 2014 में ओम प्रकाश यादव बीजेपी के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे। 2019 में NDA की ओर से जेडीयू की टिकट पर कविता सिंह को मैदान में उतारा गया था। कविता सिंह ने राजद कैंडिडेट दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को हरा दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने विजयालक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है। गौरतलब है कि सीवान लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से सीवान जिले की सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा और बरहड़िया विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
PunjabKesari
2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट कविता सिंह ने जीत हासिल की थी। कविता सिंह ने 4 लाख 48 हजार 473 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट हिना शहाब ने 3 लाख 31 हजार 515 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो सीपीआईएमएल एल के कैंडिडेट अमरनाथ यादव ने 74 हजार 644 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
PunjabKesari
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के ओम प्रकाश यादव ने 3 लाख 72 हजार 670 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं RJD की हिना साहब 2 लाख 58 हजार 823 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहीं थी जबकि CPI (ML) L के अमरनाथ यादव को 81 हजार 6 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
PunjabKesari
साल 2009 की बात करें तो निर्दलीय ओम प्रकाश यादव ने 2 लाख 36 हजार 194 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं आरजेडी की हिना साहब 1 लाख 72 हजार 764 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहीं थी जबकि सीपीआईएमएल एल के अमरनाथ यादव को 72 हजार 988 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
PunjabKesari

साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के मोहम्मद शहाबुद्दीन ने 3 लाख 17 हजार 511 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं जेडीयू के ओमप्रकाश यादव 2 लाख 13 हजार 933 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि सीपीआई एमएल एल के अमरनाथ यादव को 72 हजार 225 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

सीवान में 25 मई को लोकसभा चुनाव होना है। यहां से जेडीयू ने विजयालक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है। महागठबंधन की तरफ से आरजेडी सीवान से लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं हीना शहाब निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। हीना शहाब को एआईएमआईएम ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। सीवान में करीब तीन लाख मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं यादव वोटरों की आबादी भी ढाई लाख है तो सवा लाख कुशवाहा मतदाता भी निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। वहीं 80 हजार के आसपास सहनी मतदाता भी सीवान में मौजूद हैं। इसके अलावा सीवान में अगड़ी जाति के करीब चार लाख और ढाई लाख ईबीसी मतदाता हैं। जब शहाबुद्दीन यहां की राजनीति में हावी थे तब उनका प्रभाव हर जातीय समूह के उच्च तबके में अच्छा-खासा था। साथ ही उनको राजद का ठोस वोट भी मिलता था लेकिन हीना शहाब के निर्दलीय चुनाव लड़ने से आरजेडी को मुस्लिम वोटरों से हाथ धोना पड़ सकता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Recommended News

Related News

static