Gopalganj Lok Sabha Seat: गोपालगंज सीट JDU ने आलोक कुमार पर खेला दांव, माय समीकरण पर RJD देगी JDU को चुनौती

4/7/2024 1:57:54 PM

Gopalganj Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक गोपालगंज लोकसभा सीट है। गोपालगंज राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पैतृक जिला है। गोपालगंज के फुलवरिया गांव में ही लालू यादव का जन्म हुआ था। जेपी आंदोलन के समय से ही यह जिला सियासी के केंद्र में रहा है। इस सीट पर लालू परिवार का खासा प्रभाव है। साल 1952 और 1957 में इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉक्टर सैयद महमूद चुनाव जीते। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के टिकट पर द्वारिकानाथ तिवारी यहां से सांसद चुने गए। 

1977 में द्वारिका नाथ तिवारी जनता प्राटी के टिकट पर चुनाव जीते। 1980 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर नगीना राय यहां से सांसद चुने गए तो 1984 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर काली प्रसाद पांडेय चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1984 में जनता दल के टिकट पर राज मंगल मिश्रा चुनाव जीते। इसके बाद 1991 में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल के खाते में गई और अब्दुल गफूर सांसद चुने गए तो 1996 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर ही लाल बाबू प्रसाद यादव सांसद बने। 1998 में समता पार्टी के टिकट पर एक बार फिर से अब्दुल गफूर सांसद चुने गए तो 1999 में समता पार्टी के टिकट पर रघुनाथ झा यहां से सांसद बने। 

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2004 में एक बार फिर से यह सीट राष्ट्रीय जनता दल के खाते में गई और अनिरुद्ध प्रसाद यादव सांसद चुने गए जबकि 2009 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर पूर्णमासी राम सांसद बनने में कामयाब रहे तो 2014 में मोदी लहर में यह सीट पहली बार बीजेपी के खाते में गई और जनक राम सांसद बने। वहीं 2019 में एनडीए की ओर से यह सीट जेडीयू के खाते में गई और जेडीयू के टिकट पर आलोक कुमार ने जीत हासिल की थी। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जेडीयू ने गोपालगंज से आलोक कुमार सुमन को ही उतारा है। 

गोपालगंज लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें

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गौरतलब है कि गोपालगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से गोपालगंज जिले की बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचाइकोट, भोरे और हथुआ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने जीत हासिल की थी। आलोक कुमार सुमन को 5 लाख 68 हजार 150 वोट मिले थे। वहीं आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र राम ने 2 लाख 81 हजार 716 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो 51 हजार 660 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहा था। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के जनक राम ने 4 लाख 78 हजार 773 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं कांग्रेस के डॉक्टर ज्योति भारती 1 लाख 91 हजार 837 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहीं थी जबकि जेडीयू के अनिल कुमार को 1 लाख 419 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के पूर्णमासी राम ने 2 लाख 24 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं आरजेडी के अनिल कुमार 1 लाख 57 हजार 552 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे।जबकि बीएसपी के जनक राम को 47 हजार 545 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव ने 3 लाख 36 हजार 16 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं जेडीयू के प्रभु दयाल सिंह 1 लाख 43 हजार 97 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि निर्दलीय काली प्रसाद पांडेय को 1 लाख 36 हजार 424 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

विकास के पैमाने पर काफी पिछड़ा हुआ है गोपालगंज 
गोपालगंज सीट पर 25 मई को लोकसभा चुनाव होना है। जेडीयू ने यहां से एक बार फिर आलोक कुमार सुमन को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट का जातीय समीकरण देखें तो यहां यादव, ब्राह्मण, मुस्लिम, कुर्मी, भूमिहार, कुशवाहा, वैश्य और महादलित आबादी बसती है और चुनावों में इन सब का दबदबा रहता है। यहां का चुनाव कभी स्थानीय मुद्दों पर नहीं लड़ा गया। यही वजह है कि गोपालगंज विकास के पैमाने पर काफी पिछड़ा हुआ। 


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Ramanjot

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