Madhepura Lok Sabha Seat: मधेपुरा सीट पर चलता है माय समीकरण का जलवा, RJD-JDU में एक बार फिर होगा कड़ा मुकाबला
Saturday, Apr 06, 2024-02:07 PM (IST)

Madhepura Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मधेपुरा लोकसभा सीट है। 1967 के चुनाव में इस सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने चुनाव जीता और 1968 के उपचुनाव में भी उन्हीं को जीत मिली। 1971 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई और चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1977 में भारतीय लोकदल के टिकट पर एक बार फिर से बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1980 में इस सीट पर चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव को जीत मिली।
1984 के चुनाव में कांग्रेस के चौधरी महावीर प्रसाद यादव विजयी रहे। 1989 में जनता दल ने इस सीट से चौधरी रमेंद्र कुमार यादव रवि को उतारा और उन्होंने जीत का परचम लहराया। 1991 और 1996 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर शरद यादव चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे। 1998 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1999 में फिर शरद यादव जेडीयू के टिकट पर यहां से चुनाव जीते जबकि 2004 में लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से जीतने में कामयाब रहे। आपको बता दें कि लालू ने इस चुनाव में मधेपुरा और छपरा दो सीटों से लोकसभा का चुनाव जीता।
हालांकि मधेपुरा से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आरजेडी के टिकट पर ही राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2009 में यहां से जेडीयू के शरद यादव फिर जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2014 में यह सीट एक बार फिर से RJD के खाते में गई और पप्पू यादव सांसद बने। यहां यह भी बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव ने अपनी नई पार्टी बनाई और इस बार वे अपनी ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं 2019 में जेडीयू कैंडिडेट दिनेश चंद्र यादव ने जीत हासिल की थी।
मधेपुरा लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें
साल 2008 में परिसीमन के बाद मधेपुरा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें मधेपुरा जिले की आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा जबकि सहरसा जिले की सोनबरसा, सहरसा और महिषी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट दिनेश चंद्र यादव ने मधेपुरा में जीत हासिल की थी। दिनेश चंद्र यादव ने 6 लाख 24 हजार 334 वोट लाकर जीत हासिल की थी। वहीं आरजेडी कैंडिडेट शरद यादव ने 3 लाख 22 हजार 807 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो 38 हजार 450 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहा।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर राजद के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने 3 लाख 68 हजार 937 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं जेडीयू के शरद यादव 3 लाख 12 हजार 728 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी के विजय कुमार सिंह को 2 लाख 52 हजार 534 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के शरद यादव ने 3 लाख 70 हजार 585 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं आरजेडी के कैंडिडेट प्रोफेसर रविंद्र चरण यादव 1 लाख 92 हजार 964 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के डॉक्टर तारानंद सदा को 67 हजार 803 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 3 लाख 44 हजार 301 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं जेडीयू के शरद यादव 2 लाख 74 हजार 314 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीएसपी के अरविंद साह को 21 हजार 152 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
मधेपुरा में करीब 1 लाख 80 हजार मुस्लिम वोटर
मधेपुरा में 7 मई को लोकसभा चुनाव होना है। मधेपुरा लोकसभा पर माय समीकरण काम करता है। मधेपुरा में जातीय गणित पर नजर डालें तो यहां माय यानी मुस्लिम यादव समीकरण काम करता है। यहां तीन लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। मधेपुरा में करीब 1 लाख 80 हजार मुस्लिम वोटर हैं। मधेपुरा में करीब एक लाख 70 हजार ब्राह्मण हैं। इस सीट पर एक लाख दस हजार वोटर हैं। मुसहरों की आबादी भी एक लाख से ज्यादा है। इस सीट पर एक लाख दस हजार दलित,10 हजार कायस्थ, 60 हजार धानुक वोटर है। साथ ही कुर्मी कोयरी की आबादी भी सवा लाख के आसपास है। साफ है कि मधेपुरा सीट पर आरजेडी और जेडीयू में कड़ा मुकाबला होगा।