Bihar Lok Sabha Elections: किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय जंग, JDU या कांग्रेस... किसका खेल बिगाड़ेंगे औवेसी?

4/26/2024 8:57:08 AM

Bihar Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज जिन पांच सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें से एक किशनगंज लोकसभा सीट (Kishanganj Lok Sabha Seat) भी है। इस सीट पर भी जंग त्रिकोणीय है। यहां कांग्रेस के मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद का मुकाबला जदयू (JDU) के मुजाहिद आलम और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) उम्मीदवार अख्तरुल ईमान से साथ है। 

कांग्रेस का गढ़ रही है किशनगंज सीट 
किशनगंज संसदीय सीट के अस्तित्व में आने के बाद से यह कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां से नौ बार जीत का सेहरा अपने सिर पर बांध चुके हैं। हालांकि, बीच के कुछ चुनाव में किशनगंज सीट कांग्रेस के ‘हाथ' से फिसल गई। लेकिन, वर्ष 2009 से 2019 तक यहां लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किशनगंज सीट पर चुनावी चौका लगाने की फिराक में है। वहीं जदयू और एआईएमआईएम उसके विजयी पथ पर रोड़ा अटकाने में लगे हैं और सियासी जंग को त्रिकोणीय बना रहे हैं। 

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किशनगंज सीट के अंतर्गत आती हैं विधानसभा की कुल 6 सीटें 
किशनगंज लोकसभा सीट किशनगंज और पूर्णिया जिले में फैली हुई है। इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनमें बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर और बैसी शामिल है। एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो 2019 में कांग्रेस कैंडिडेट डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने जीत हासिल की थी। जावेद को 3 लाख 67 हजार 17 वोट मिले थे। वहीं जेडीयू कैंडिडेट सैयद महमूद अशरफ ने 3 लाख 32 हजार 551 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया तो एआईएमआईएम कैंडिडेट अख्तरूल इमान ने 2 लाख 95 हजार 29 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

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किशनगंज ने देश की कई बड़ी हस्तियों को सांसद बनाकर दिल्ली भेजा
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र ने देश की कई बड़ी हस्तियों को सांसद बनाकर दिल्ली भेजा। चाहे सैयद शहाबुद्दीन हो या वरिष्ठ पत्रकार एम. जे. अकबर या सैयद शाहनवाज हुसैन अलग-अलग पाटिर्यों से मैदान में उतरे इन तीनों नेताओं को किशनगंज ने पहचान दी थी। पहली बार किशनगंज से चुनावी मैदान में उतरे इन तीनों नेताओ में सैयद शहाबुद्दीन और एम. जे. अकबर पहली बार में ही संसद पहुंचे वहीं सैयद शाहनवाज हुसैन को दूसरी बार मौका मिला लेकिन तीनों दूसरी बार संसद नहीं पहुंच पाए।


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Ramanjot

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