झारखंड के मुख्यमंत्री ने वन अधिकार संबंधित आवेदनों को रद्द करने पर जताई चिंता, अधिकारियों से कही ये बात

Tuesday, Jun 25, 2024-11:46 AM (IST)

 

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को राज्य में वन अधिकार से संबंधित हजारों आवेदनों को कथित तौर पर रद्द किए जाने को लेकर चिंता जताई और अधिकारियों से इसका कारण बताने के लिए कहा।

रांची में ‘अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान' (समुदायों को सशक्त बनाना- अधिकार सुनिश्चित करना एफआरए 2006 को समझना- न्याय, संरक्षण और चुनौतियां) नामक एक दिवसीय कार्यशाला में बोलते हुए सोरेन ने वन अधिकार अधिनियम को लागू करने में कथित धीमी प्रगति पर प्रकाश डाला। वन अधिकार अधिनियम वर्ष 2006 में लागू हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘इस अधिनियम को लागू हुए 18 साल हो गए हैं, लेकिन हम वन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को वन अधिकार का मालिकाना हक देने में अब भी बहुत पीछे हैं।''

वहीं चंपई सोरेन ने कहा कि विभिन्न राज्य कार्यालयों में वन पट्टों (स्वामित्व) के हजारों आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें लोगों को बताना होगा कि ये आवेदन क्यों रद्द किए गए हैं। राज्य सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने जानबूझकर आवेदन रद्द करने का प्रयास किया।''


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Nitika

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