मां द्वारा लोन न चुकाने पर बैंक कर्मचारियों ने नाबालिग बेटे का किया अपहरण, 14 दिन बंधक बनाकर किया टॉर्चर

3/9/2024 2:47:26 PM

Garhwa: झारखंड के गढ़वा (Garhwa) जिले में महिला ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। लोन की राशि न चुका पाने पर बैंक वालों ने उसके नाबालिग बेटे को किडनैप कर लिया। वहीं, इस मामले में माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारी निगम यादव को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अन्य कर्मचारी उमाशंकर तिवारी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

मामला जिले के रोहनिया गांव का है। बताया जा रहा है कि संतोष राम की पत्नी ने 2 साल पहले जिले के भावनपुर थाना में माइक्रोफाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपये का लोन लिया था। 22 हजार लोन की राशि चुकता कर दी गई थी और 18 हजार रुपए, कुछ ब्याज देना बाकी रह गया था। इसी बीच माइक्रोफाइनेंस कंपनी के 2 कर्मचारी महिला के घर पहुंचे। उन्होंने महिला से कर्ज की राशि चुकता कराने को कहा। महिला ने कहा कि वो जल्द ही बाकी की रकम चुका देगी, लेकिन कर्मचारी ने महिला के 12 वर्षीय नाबालिग बेटे को उठाकर ले गए। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक तुम बाकी की बकाया राशि नहीं देती, तब तक तुम्हारा बेटा हमारे पास रहेगा। कर्मचारियों ने कहा कि पुलिस को कुछ बताया तो हम तुम्हारे बेटे की किडनी और आंख निकालकर बेच देंगे। उक्त बैंक मैनेजर के द्वारा 14 दिनों तक नाबालिग बच्चे को बैंक में रखा गया था और उससे काम लिया गया। महिला ने गढ़वा जिला के भावनपुर थाना में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नाबालिग बच्चे को 14 दिन बाद सकुशल बरामद किया।

नाबालिग ने अपहरण से मुक्त होने के बाद बताया कि 1 सप्ताह तक तो ठीक से रहे, उसके बाद बैंक कर्मचारी मारपीट करने लगे, साथ ही गला भी दबाने लगे, कपड़ा साफ करने और बर्तन साफ करने के लिए बोलते थे और शराब पीने के बाद बोतल भी फिंकवाते थे। उसने बताया कि इतना ही नहीं धमकी दिया करते की पैसा नहीं जमा करवाओगे तो किडनी और आंख निकाल कर बेच देंगे।
 


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Khushi

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