झारखंड से तमिलनाडु कमाने गए 11 मजदूरों को बनाया गया बंधक, परिजनों ने CM हेमंत से लगाई मदद की गुहार
Monday, Aug 26, 2024-03:03 PM (IST)
दुमका: झारखंड के मजदूर काम की तलाश में अन्य प्रदेशों में कमाने जाते तो हैं, लेकिन कई बार वह बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं। ताजा मामला दुमका जिले से आया है जहां बीते रविवार को तमिलनाडु कमाने गए जिले के 11 मजदूरों को वहां बंधक बना लिया गया है।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बीते रविवार की सुबह सभी 11 मजदूर तमिलनाडु में एक कपड़ा के मील में काम करने गए थे। मजदूर तमिलनाडु पहुंचे ही थे कि कुछ घंटे बाद उन्होंने अपने परिवार वालों को फोन किया कि हमें कुछ लोगों ने यहां बंधक बना लिया है। हमें यह नहीं पता चल पा रहा है कि हम कहां हैं। ये लोग हमारे साथ मारपीट कर रहे हैं और पैसे की मांग कर रहे हैं। बंधक बनाने वाले लोगों ने दुमका में उनके परिवार वालों को एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि तुम लोग इसमें रुपये भेजो। जब तक रुपये नहीं मिलेंगे, तब तक ये सभी हमारे कब्जे में रहेंगे। इसके बाद मजदूरों के परिजनों ने पुलिस से लिखित शिकायत की और अपनों की वापसी कराने की गुहार लगाई है। वहीं, एक परिवार से ऑनलाइन 15 हजार रुपये भेज भी दिया है, लेकिन मजदूर को अब तक नहीं छोड़ा गया है। सभी परिवारों ने सीएम हेमंत सोरेन से भी मदद की गुहार लगाई है। शिकायत मिलने पर पुलिस की टीम पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गई है। वहीं इस संबंध में दुमका पुलिस का कहना है कि मजदूरों की रिहाई के लिए प्रयास किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो दुमका पुलिस की टीम तमिलनाडु जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में गत 2 सप्ताह से बंधक बनाकर रखे गये धनबाद के बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के तिलैया गांव निवासी रमेश कुमार महतो समेत 5 मजदूरों को मुक्त करा लिया गया है। इस संबंध में रमेश महतो के परिजनों ने सांसद ढुलू महतो से मिलकर मजदूरों को मुक्त कराने की मांग की थी। सांसद ढुलू महतो तत्काल चेन्नई के एसएसपी सुजीत कुमार को फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद एसएसपी सुजीत कुमार ने कार्रवाई करते हुए पांचों मजदूरों को त्रिचांग जिले के एक सुदूर गांव से मुक्त करा लिया। बंधक बनाए गए मजदूरों ने बताया कि 26 जुलाई से बंधक बने हुए थे। भुवनेश्वर (ओड़िशा) से हम लोगों को बंधक बनाकर एक कार से तमिलनाडु ले जाया गया। त्रिचांग जिले के सुदूर गांव के एक कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद ठेकेदार ने सभी का मोबाइल फोन छीन लिया। दूसरे दिन ठेकेदार हम लोगों से घास कटवाने व नाली सफाई करने का काम करवाने लगे। काम करने से इनकार करने पर ठेकेदार ने बेल्ट से जमकर पीटा। कहा 50 हजार रुपये में तुम लोगों को खरीदा है। ठेकेदार ने कहा कि कार से लानेवाला एजेंट को 50 हजार रुपये दे दिया हूं। दो महीने काम करना पड़ेगा। इसके एवज में सिर्फ खाना मिलेगा। मजदूरी नहीं मिलेगी। तमिलनाडु में फंस जाने का एहसास होने पर एक दूसरे व्यक्ति के मोबाइल से फोन कर अपने परिजनों को पूरी बात बतायी।