विपक्षी एकता की बैठक में नेताओं के उदास और भयभीत चेहरे भविष्य की विफलता के संकेतः विजय सिन्हा

Saturday, Jun 24, 2023-02:38 PM (IST)

पटना: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक हुई। इस बैठक में 30 से ज्यादा विपक्षी नेता शामिल हुए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ( Vijay Sinha) ने विपक्षी एकता की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बैठक में नेताओं के उदास, भयभीत एवं उत्साह विहीन चेहरे यह बताने के लिए काफी हैं कि विपक्षी एकता आकार लेने से पूर्व ही धराशायी होने वाला है। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल, भगबंत मान औऱ स्टालिन तीनों मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति यह दर्शाता है कि शुरू होने से पहले एकता की गाड़ी की हवा निकल गई।

"परिवारवादी एवं भ्रष्ट्राचारियों में मोदी के नाम की दहशत"
सिन्हा ने कहा कि विपक्षी दलों और नेताओं में विरोधाभास एवं एकजुटता का अभाव इस बैठक में दिख रहा था। इनके चेहरे पर न तो मुस्कराहट थी न ही उमंग था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्तिगत स्वार्थ और महात्वकांक्षा के कारण इस बैठक की कवायद की है लेकिन उनका मकसद इस जन्म में पूरा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 में लाल किला से देश को परिवारवादी एवं भष्ट्राचारी राजनीतिक दलों को उखाड़ फेकने का संदेश देने के बाद ये सभी दहशत में है। अब इनका एकमात्र लक्ष्य अपने परिवार को जेल जाने से बचाना और भष्ट्राचार द्वारा अर्जित अकूत धन की रक्षा करना है। लेकिन ये कितना भी प्रयास कर लें, इनका मंसूबा सफल नहीं होगा।

"बैठक के खर्च को सार्वजनिक करे सरकार"
विजय सिन्हा ने कहा कि इस राजनीतिक बैठक के लिए राज्य सरकार ने अपना खजाना खोल दिया था। महागठबंधन में शामिल सभी दलों को अपनी-अपनी पार्टी के फंड से यह इंतजाम करना चाहिए था। राज्य सरकार इस बैठक में सरकारी खजाने से व्यय लोकधन का आंकड़ा सार्वजनिक करें। बता दें कि विपक्षी दलों की महाबैठक में आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति पर मंथन किया गया।
  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Swati Sharma

Related News

static