चिराग ने बिहार में मध्यावधि चुनाव की संभावना जतायी
11/28/2020 10:15:48 PM
पटना, 28 नवंबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने प्रदेश में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से अभी से इसकी तैयारियों में लग जाने को कहा है।
लोजपा कार्यकर्ताओं को शनिवार को लिखे पत्र में चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और उनके पिता राम विलास पासवान की अनुपस्थिति में पहली बार पार्टी ने कोई विधानसभा का चुनाव लड़ा है।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जाने से पूर्व पार्टी के पास दो विकल्प थे। पहला कि बिहार से छह लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद होने के बावजूद गठबंधन द्वारा दी जा रही मात्र 15 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़े और दूसरा यह कि अधिकांश सीटों पर मुकाबला करें। लोजपा संसदीय बोर्ड ने दूसरा रास्ता चुना।
चिराग ने लिखा, '''' बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ''बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट'' संकल्प के साथ अकेले 135 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। 2015 का विधानसभा चुनाव लोजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर लडा था जिसमें पार्टी मात्र दो सीट जीत पाई थी। मुझे गर्व है कि अकेले अपने झंडे के नीचे चुनाव लड़कर पार्टी ने एक मजबूत जनाधार बनाया है। इस चुनाव में हमें एक सीट का नुकसान जरूर हुआ है लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी को खुद अपने दम पर 24 लाख वोट मिले और लगभग 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ जो पार्टी के विस्तार का प्रतीक है।'''' उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के अगले चुनाव 2025 से पहले भी हो सकते हैं। हम सभी को 243 विधानसभा क्षेत्र की तैयारियों में अभी से लग जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल रही लोजपा ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को अस्वीकार्य करते हुए उनकी पार्टी जदयू से नाता तोडकर अकेले इस चुनाव में उतरी थी और मात्र एक सीट पर विजयी रही।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोजपा कार्यकर्ताओं को शनिवार को लिखे पत्र में चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और उनके पिता राम विलास पासवान की अनुपस्थिति में पहली बार पार्टी ने कोई विधानसभा का चुनाव लड़ा है।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जाने से पूर्व पार्टी के पास दो विकल्प थे। पहला कि बिहार से छह लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद होने के बावजूद गठबंधन द्वारा दी जा रही मात्र 15 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़े और दूसरा यह कि अधिकांश सीटों पर मुकाबला करें। लोजपा संसदीय बोर्ड ने दूसरा रास्ता चुना।
चिराग ने लिखा, '''' बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ''बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट'' संकल्प के साथ अकेले 135 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। 2015 का विधानसभा चुनाव लोजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर लडा था जिसमें पार्टी मात्र दो सीट जीत पाई थी। मुझे गर्व है कि अकेले अपने झंडे के नीचे चुनाव लड़कर पार्टी ने एक मजबूत जनाधार बनाया है। इस चुनाव में हमें एक सीट का नुकसान जरूर हुआ है लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी को खुद अपने दम पर 24 लाख वोट मिले और लगभग 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ जो पार्टी के विस्तार का प्रतीक है।'''' उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के अगले चुनाव 2025 से पहले भी हो सकते हैं। हम सभी को 243 विधानसभा क्षेत्र की तैयारियों में अभी से लग जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल रही लोजपा ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को अस्वीकार्य करते हुए उनकी पार्टी जदयू से नाता तोडकर अकेले इस चुनाव में उतरी थी और मात्र एक सीट पर विजयी रही।
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