जहरीली शराबकांडः मोतिहारी पहुंचे मद्यनिषेध मंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक, तलाशी अभियान तेज करने का दिया निर्देश

4/20/2023 10:08:25 AM

पटनाः पूर्वी चंपारण जिले में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से हुई 31 लोगों की मौत की घटना के चार दिन बाद राज्य के मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार बुधवार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मोतिहारी पहुंचे। मंत्री ने अधिकारियों को घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए जिले और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को अनुग्रह राशि का सुचारू वितरण सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। बैठक खत्म होने के बाद मंत्री ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन पीड़ित परिवारों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जो भी इस जहरीली शराब कांड में शामिल है। वह बख्शा नहीं जाएगा। 

CM नीतीश ने की थी मुआवजा देने की घोषणा
गौरतलब है कि पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने पर यू-टर्न लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। पूर्वी चंपारण जिला के तुरकौलिया, हरसिद्धि, सुगौली और पहाड़पुर गांव में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुई इस त्रासदी में अभी तक 31 लोगों की मौत हुई है। इस बीच जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को भाजपा के उसे दावे को गलत बताया कि ‘‘नीतीश कुमार ने विपक्ष की मांग के आगे झुक कर पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की'' और इसे बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर दूं कि महागठबंधन सरकार ने जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजनों को सशर्त आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को वचन देना होगा और उन्हें राज्य में शराबबंदी कानून का पालन करने के लिए दूसरों को भी प्रोत्साहित करना होगा।'' 

"मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी मुआवजा राशि"
चौधरी ने कहा कि निषेध कानून प्रभावकारी (अंडाइल्यूटिड) और उचित है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शराबबंदी कानून के उल्लंघन से संबंधित 3.61 लाख प्राथमिकी को वापस लेने की भाजपा की मांग पर नीतीश कुमार के विश्वासपात्र चौधरी ने कहा, ‘‘मामला राज्य की विभिन्न अदालतों में लंबित है। कानून अपना काम करेगा।'' गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर अपना रुख बदलते हुए कहा था, ‘‘मोतिहारी में जो कुछ हुआ उससे मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं जानता हूं कि ऐसी घटनाओं में मरने वाले अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के होते हैं। सभी कोशिशों के बावजूद प्रदेश में जहरीली शराब की घटनाएं हो रही हैं और लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं। मुआवजा राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।'' बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया।


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Ramanjot

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