CM नीतीश कुमार ने याद दिलाया 2005 से पहले का ‘बीमार बिहार’, बोले– अब प्रदेश का हेल्थ सिस्टम ICU से निकल कर विकास की राह पर!

Saturday, Nov 01, 2025-09:34 PM (IST)

Patna News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के बीच अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये एक बार फिर जनता को अपने कार्यकाल के दौरान हुए Health Transformation in Bihar की याद दिलाई है। उन्होंने बताया कि 2005 से पहले बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई थी, लेकिन आज राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का चेहरा पूरी तरह बदल गया है।

 "2005 से पहले अस्पतालों में मरीज नहीं, कुत्ते लेटे होते थे" — नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा कि 2005 से पहले Bihar Health System इतनी बदहाल थी कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, और दवाइयों का नामोनिशान नहीं था।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में थे, और इलाज के लिए लोगों को राज्य से बाहर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा — “उस दौर में अस्पतालों की हालत इतनी खराब थी कि बेड पर मरीज नहीं, कुत्ते लेटे होते थे।”

फ्री मेडिसिन से लेकर डायलिसिस सेंटर तक: बदला बिहार का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर

नीतीश कुमार ने बताया कि 2006 में Free Medicine Distribution Scheme की शुरुआत की गई थी, और आज राज्य के सरकारी अस्पतालों में 500 से अधिक दवाएं फ्री दी जा रही हैं। राज्य के हर जिला अस्पताल में CT Scan की सुविधा है, जबकि 7 मेडिकल कॉलेजों में MRI at Subsidized Rate उपलब्ध है। पहले जहां किसी सरकारी अस्पताल में Dialysis Facility नहीं थी, आज सभी 38 जिलों में डायलिसिस सेंटर चल रहे हैं।

कैंसर से लेकर गंभीर बीमारियों तक अब बिहार में इलाज संभव

राज्य के सभी जिलों में Cancer Screening Centers शुरू किए गए हैं, जबकि कुछ अस्पतालों में Chemotherapy Units स्थापित की गई हैं। मुजफ्फरपुर में Homi Bhabha Cancer Hospital and Research Centre 425 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इसके अलावा, Chief Minister Medical Assistance Fund के तहत अब तक लगभग 2 लाख मरीजों को 1550 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है।

अब 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज होंगे बिहार में

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 से पहले राज्य में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या बढ़कर 12 हो गई है, और 20 नए Medical Colleges निर्माणाधीन हैं।
पटना का PMCH Redevelopment Project 5462 बेड के साथ देश का सबसे बड़ा अस्पताल बनेगा। साथ ही, AIIMS Patna के अलावा AIIMS Darbhanga का निर्माण भी जारी है। राज्य में 9 निजी मेडिकल कॉलेज भी खोले जा रहे हैं।

705 करोड़ से बढ़कर 20,000 करोड़ का हेल्थ बजट

नीतीश कुमार ने बताया कि 2005 में जहां स्वास्थ्य विभाग का बजट ₹705 करोड़ था, वहीं अब यह बढ़कर ₹20,035 करोड़ से भी अधिक हो गया है। सरकारी अस्पतालों में पहले जहां महीने में औसतन 39 मरीज आते थे, वहीं अब हर महीने 11,600 से अधिक मरीजों का इलाज होता है। राज्य में अब 35 जिला अस्पताल, 55 अनुमंडलीय अस्पताल और 10,788 उपकेंद्र संचालित हैं।

CM का संदेश – "हमने कहा था, किया है और आगे भी करते रहेंगे"

पोस्ट के अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा — “बिहार की जनता याद रखे, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने जो कहा, उसे पूरा किया। आगे भी हम ही काम करेंगे, क्योंकि हम जो कहते हैं, वह करते हैं।”
जय बिहार!


 


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Ramanjot

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