Bihar Politics: प्रशांत किशोर ने कहा- लोकसभा चुनाव से स्पष्ट हो गया कि लोग अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सकते

Wednesday, Oct 02, 2024-10:50 AM (IST)

पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि लोगों ने हाल के लोकसभा चुनाव में स्पष्ट संदेश दिया है कि वे "अहंकार" बर्दाश्त नहीं कर सकते या किसी भी नेता को उन्हें हल्के में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने के पहले किशोर ने कहा कि चुनाव परिणामों ने कांग्रेस का नेतृत्व करने की राहुल गांधी की क्षमता पर सवालिया निशान भी हटा दिया है, लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता को अब भी कुछ दूरी तय करनी है, ताकि देश उन्हें अपना नेता स्वीकार करे।

'इस देश में कोई भी नेता लोगों को हल्के में नहीं ले सकता'
किशोर ने कहा, "उनके (राहुल गांधी के) समर्थक अब मानते हैं कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस पुन: मजबूत हो सकती है। लेकिन इसका एक और आयाम भी है। क्या देश ने उन्हें एक नेता के रूप में स्वीकार किया है? मुझे ऐसा नहीं लगता।" लोकसभा चुनाव के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा, "नतीजे बताते हैं कि इस देश में कोई भी नेता लोगों को हल्के में नहीं ले सकता। लोग किसी भी चीज को बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन अहंकार को नहीं। चाहे वह भाजपा हो, कांग्रेस हो या क्षेत्रीय दल- जहां भी लोगों ने अहंकार और अति आत्मविश्वास देखा, उन्होंने बता दिया है कि कौन स्वामी है।" किशोर ने कहा कि इस फैसले ने इस विचार को बल दिया कि कोई भी अजेय नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले तीन चुनावों में पहली बार भाजपा ने बहुमत खो दिया, हालांकि पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया'' ने भी पूर्वानुमानों को नकारते हुए शानदार प्रदर्शन किया। मोदी का नाम लिए बिना किशोर ने कहा कि मतदाताओं ने फैसला किया कि अगर उन्हें सत्ता सौंपनी भी पड़ी, तो वे कुछ नियंत्रण के साथ ऐसा करेंगे। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने यह धारणा बनाने की कोशिश की कि आम जनता में समझ की कमी है और वे उसके काम के बदले उसके दावों पर विश्वास करेंगे।

'भाजपा को लगा कि लोग मोदी के नाम पर अनिवार्य रूप से वोट देंगे'
पीके ने कहा, "भाजपा को लगा कि लोग मोदी के नाम पर अनिवार्य रूप से वोट देंगे। मतदाताओं ने पार्टी से कहा कि वे अनपढ़ और जाति एवं मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर विभाजित दिख सकते हैं, लेकिन वे इनसे ऊपर उठकर आपको उस स्थान पर पहुंचा सकते हैं जिसके आप हकदार हैं।" किशोर ने कहा कि भारत में कोई भी पार्टी या नेता इतना बड़ा नहीं हो सकता कि वह देश पर एकतरफा प्रभाव डाल सके। उन्होंने चुनावी रणनीतिकार के रूप में भाजपा और कांग्रेस सहित सभी प्रमुख दलों के लिए अलग-अलग समय पर काम किया और फिर अपने गृह राज्य बिहार में जन सुराज अभियान पर ध्यान केंद्रित किया।

किशोर ने कहा कि भाजपा के आलोचक मोदी के शासन में तानाशाही की बात करते हैं, जैसा इंदिरा गांधी के शासन में देखा गया था। लोगों ने उन्हें (इंदिरा गांधी को) अस्वीकार कर दिया था और अब मोदी से कहा है कि वह सर्वशक्तिमान नहीं हैं और उन्हें उतनी सीटें मिलेंगी जितनी के वह हकदार हैं। 


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Content Editor

Swati Sharma

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