छुट्टी मांगने गई 9वीं की छात्रा से प्रिंसिपल ने की गंदी हरकत, पास बुलाकर शरीर पर हाथ डाला, फिर कहा- मुझे किस दो'.
Saturday, Nov 22, 2025-11:17 AM (IST)
Begusarai News: बिहार के बेगूसराय जिले के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मसुराज में उस समय हड़कंप मच गया, जब 9वीं कक्षा की एक छात्रा ने प्रभारी हेडमास्टर पर छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल लपहुंचकर हेडमास्टर को बंधक बनाकर मारपीट की। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
पीड़ित छात्रा का आरोप
पीड़ित छात्रा ने बताया कि वह पहली कक्षा से इसी स्कूल में पढ़ रही है। अन्य सभी शिक्षक बच्चों के प्रति परिवार जैसा व्यवहार करते हैं, लेकिन अनिल कुमार के प्रिंसिपल बनकर आने के बाद हालात बदल गए। छात्रा के अनुसार, प्रिंसिपल किसी काम के लिए उनके पास जाने पर शरीर पर हाथ लगाने की कोशिश करते थे। शुक्रवार को छुट्टी मांगने के दौरान भी उन्होंने छेड़खानी की।
छात्रा ने बताया-
'प्रिंसिपल सर के ऑफिस में हम छुट्टी मांगने गए, तो उन्होंने अपने पास बुलाया। इसके बाद वो मेरे शरीर पर हाथ डालने लगे। पहले लगा कि बेटी की तरह प्यार कर रहे हैं, लेकिन फिर उन्होंने मेरे पीछे हाथ डाला। फिर सर ने कहा कि मुझे किस दो। फिर मेरा हाथ पकड़ कर अपने सिर पर रखा और कसम खिलाई कि ये सब बात किसी को नहीं बताओगी।"
अन्य छात्राओं के भी गंभीर आरोप
स्कूल की कई छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल पढ़ाई से ज्यादा लड़कियों के शरीर पर ध्यान देते हैं। एक छात्रा ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले उन्होंने संतरा छीलने के बहाने अशोभनीय बातें करनी शुरू कर दीं। ग्रामीणों के अनुसार, करीब 10–12 लड़कियां हेडमास्टर के व्यवहार से परेशान थीं। आरोपी हेडमास्टर अनिल कुमार मूल रूप से महथी गांव (विभूतिपुर प्रखंड) के निवासी हैं। उनकी नियुक्ति पहले नियोजित शिक्षक के रूप में हुई थी। बाद में शिक्षा विभाग द्वारा निकाली गई प्रधान शिक्षक की वैकेंसी में चयन के बाद उन्हें उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मसुराज में पोस्ट किया गया था।
आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजा गया
डीएसपी नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। खोदावंदपुर थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि एक अभिभावक के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया है और आरोपी शिक्षक को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। ग्रामीणों ने मांग की कि आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि स्कूल की छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

