कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे भाकपा-माले के कार्यकर्ता, बिहार में किया चक्का जाम

12/6/2020 12:24:53 PM

पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के असफल हो जाने के बाद शनिवार को बिहार में चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।

चक्का जाम के तहत बिहार के अलग-अलग जिले में शनिवार सुबह से ही बड़ी संख्या में भाकपा- माले, किसान महासभा और खेग्रामस के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए और सड़कों-चौराहों को जाम कर दिया। चक्का जाम में विधायक दल के नेता महबूब आलम, अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद सहित अन्य विधायक भी शामिल हुए। आलम ने बारसोई में, मनोज मंजिल ने गड़हनी में और सुदामा प्रसाद ने आरा में सड़क जाम का नेतृत्व किया।
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मुजफ्फरपुर जिले में मुसहरी प्रखंड के नरौली में चौक को जाम करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर सड़क जाम कर दिया गया। पूर्वी चंपारण जिले में छौड़ादानो-मोतिहारी मार्ग को नारायण चौक पर जाम कर दिया गया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। सीवान जिले में गुठनी चौराहा को जाम किया गया। मौके पर भाकपा-माले, किसान महासभा एवं खेग्रामस के नेता उपस्थित थे।
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इसी तरह नालंदा के हरनौत में इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष विरेश कुमार के नेतृत्व में मार्च निकाला गया और सड़क जाम किया गया। पटना सिटी में किसान महासभा के नेता उमेश सिंह के नेतृत्व में चक्का जाम का नेतृत्व किया गया। दरभंगा में बहादुर प्रखंड के देकुलचट्टी में प्रखंड कमेटी के सदस्य रामालाल सहनी, धर्मेन्द्र लाल के नेतृत्व में दरभंगा-बेनीपुर सड़क जाम किया गया। अरवल में भी मार्च निकालकर जहानाबाद-अरवल मार्ग को जाम किया गया।


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