बिहार में नए विधायकों को कौन दिलाएगा शपथ? प्रोटेम स्पीकर को लेकर तेज़ हुई चर्चा
Wednesday, Nov 19, 2025-05:26 PM (IST)
Bihar Protem Speaker: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ कौन दिलाएगा? विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर पद को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ है।
हरनौत सीट से जीतकर आए जेडीयू के वरिष्ठ विधायक हरिनारायण सिंह सबसे अनुभवी चेहरों में शामिल हैं। वे 10वीं बार विधानसभा पहुंचे हैं। अनुभव के मामले में उनके बाद नाम आता है बीजेपी के प्रेम कुमार का, जो गया से 9वीं बार विधायक बने हैं और पिछली विधानसभा में सहकारिता मंत्री थे।
प्रोटेम स्पीकर कैसे चुना जाता है?
नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाती है। यह जिम्मेदारी अस्थायी अध्यक्ष यानी Protem Speaker निभाते हैं।
आम तौर पर यह भूमिका सबसे वरिष्ठ विधायक को दी जाती है—जैसे कि लोकसभा में भी सबसे अनुभवी सांसद को यह काम सौंपा जाता है।
राज्यपाल करते हैं नियुक्ति
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 180(1) के तहत प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल के पास होता है। वे चाहे तो मंत्रिमंडल से राय ले सकते हैं या अपने विवेक से सीधे नियुक्ति कर सकते हैं।
- प्रोटेम स्पीकर का पद पूरी तरह अस्थायी है। स्थायी स्पीकर के चुने जाने तक ही यह जिम्मेदारी रहती है।
- शपथ के बाद ही विधायक बन पाते हैं विधानसभा के सदस्य
- प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाते हैं।
- शपथ के बाद ही विधायक विधानसभा सदस्य बनते हैं
- वे स्पीकर चुनाव में वोट देने के योग्य भी हो जाते हैं
- स्थायी स्पीकर के चुने जाने के बाद प्रोटेम स्पीकर की भूमिका समाप्त हो जाती है।
कौन बन सकता है बिहार का अगला प्रोटेम स्पीकर?
इस बार चर्चा सबसे ज्यादा दो नामों पर है—
- हरिनारायण सिंह (JDU)
- प्रेम कुमार (BJP)
दोनों अत्यंत वरिष्ठ विधायक हैं और अनुभव के आधार पर इनका नाम सबसे आगे माना जा रहा है। इसके अलावा, बीजेपी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) के पद पर भी प्रेम कुमार की दावेदारी की चर्चा है।
नई सरकार में वही चेहरे—CM और डिप्टी CM तय
बिहार में एनडीए की नई सरकार लगभग पुरानी संरचना के साथ लौट रही है।
- नीतीश कुमार (CM – JDU)
- सम्राट चौधरी (Deputy CM – BJP)
- विजय कुमार सिन्हा (Deputy CM – BJP)
यही तीनों चेहरे पिछली सरकार में भी इन्हीं पदों पर थे।
CM और मंत्रिमंडल को शपथ राज्यपाल दिलाएंगे, जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे और फिर स्थायी स्पीकर का चुनाव होगा।

