EWS को 10% आरक्षण बरकरारः मांझी ने SC के फैसले पर जताई खुशी, कहा- कोर्ट ने मेरी बातों पर लगाई मुहर
Monday, Nov 07, 2022-02:02 PM (IST)

पटनाः उच्चतम न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को नौकरियों और उच्च शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, मैंने पूर्व में EWS के आधार पर सवर्ण जातियों के लिए आरक्षण की मांग की थी। आज माननीय उच्चतम न्यायलय ने भी मेरी बातों पर मुहर लगा दिया है जिसके लिए सबों का धन्यवाद। अब “जिसकी जितनी संख्या भारी उसको मिले उतनी हिस्सेदारी” का आंदोलन शुरू होगा।
मैंने पुर्व में EWS के आधार पर सवर्ण जातियों के लिए आरक्षण की मांग की थी।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 7, 2022
आज माननीय उच्चतम न्यायलय ने भी मेरी बातों पर मुहर लगा दिया है जिसके लिए सबों का धन्यवाद।
अब “जिसकी जितनी संख्या भारी उसको मिले उतनी हिस्सेदारी” का आदोलन शुरू होगा।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के इस फैसले से साफ हो गया है कि ईडब्ल्यूएस के तहत 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था जारी रहेगी। न्यायमूर्ति ललित और संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट ने 103वां संविधान संशोधन से असहमति व्यक्त की, जबकि न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला ने आरक्षण के लिए 103 वां संविधान संशोधन को उचित बताते हुए उसे बरकरार रखने के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।