क्या गोड्डा सीट पर चौथी बार जीत हासिल कर पाएंगे निशिकांत दुबे, लगातार तीन बार से गोड्डा में लहरा रहा है भगवा परचम

3/26/2024 1:27:04 PM

 

गोड्डाः झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक गोड्डा लोकसभा सीट है। साल 2000 तक गोड्डा भी बिहार का ही एक हिस्सा था। यह संसदीय क्षेत्र कई मायनों में खास है। इस क्षेत्र में वैदिक काल की सभ्यता के निशान मिले हैं।


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गोड्डा खनिज संपदाओं से भरा जिला है। यहां का ललमटिया कोयला खादान एशिया में प्रसिद्ध है। बसंतराय यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। गोड्डा लोकसभा क्षेत्र जब से अस्तित्व में आया है तब से लेकर आज तक कुल 15 लोकसभा के चुनाव हुए हैं, जिनमें से 7 बार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है तो 6 बार इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं एक बार भारतीय लोक दल और एक बार झारखंड मुक्ति मोर्चा को जीत मिली है। साल 1962 और 1967 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के प्रभु दयाल सांसद चुने गए थे तो 1971 में कांग्रेस के जगदीश मंडल चुनाव जीते थे। आपातकाल के बाद साल 1977 में हुए चुनाव में जगदीश मंडल भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत कर संसद पहुंचे।
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वहीं 1980 और 1984 में कांग्रेस के टिकट पर मौलाना समीनुद्दीन सांसद चुने गए। 1989 में इस सीट पर बीजेपी के जनार्दन यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1991 में यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास चली गई और सूरज मंडल चुनाव जीते। इसके बाद बीजेपी ने एक बार फिर से वापसी की और लगातार तीन बार यानि की 1996, 1998 और 1999 में जगदंबी प्रसाद यादव सांसद चुने गए। साल 2000 में भी यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास ही रही और प्रदीप यादव सांसद बने। 2004 में इस सीट पर कांग्रेस के पास फुरकान अंसारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन इसके बाद 2009 और 2014 में बीजेपी के निशिकांत दुबे सांसद चुने गए। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी निशिकांत दुबे ने ही जीत हासिल की थी। इस बार भी बीजेपी ने निशिकांत दुबे पर ही भरोसा जताया है।

गौरतलब है कि गोड्डा लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें जिनमें गोड्डा जिले की पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महगामा विधानसभा दुमका जिले की जरमुण्डी और देवघर जिले की मधुपुर और देवघर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट निशिकांत दुबे ने ही जीत हासिल की थी। दुबे ने 6 लाख 37 हजार 610 वोट लाकर जीत का परचम लहराया था। वहीं जेवीएम के प्रदीप यादव ने 4 लाख 53 हजार 383 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो 18 हजार 683 वोट के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।

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एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे को 3 लाख 80 हजार 500 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के फुरकान अंसारी 3 लाख 19 हजार 818 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं जेवीएम के प्रदीप यादव 1 लाख 93 हजार 506 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

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एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे ने 1 लाख 89 हजार 526 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं कांग्रेस के फुरकान अंसारी 1 लाख 83 हजार 119 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JVM के प्रदीप यादव को 1 लाख 76 हजार 926 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

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एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के फुरकान अंसारी ने 3 लाख 73 हजार 138 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदीप यादव 3 लाख 46 हजार 384 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के सूरज मंडल को 43 हजार 837 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

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Content Writer

Nitika

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