पंजाब केसरी से राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा- इस बार लोकसभा चुनाव में 39 नहीं 40 की 40 सीटें जीतेगी NDA

4/6/2024 6:36:13 PM

पटनाः लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं बिहार में एनडीए की चुनाव को लेकर क्या तैयारी है? यह जानने के लिए पंजाब केसरी के संवाददाता प्रवीण झा ने राज्यसभा सांसद एवं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा के साथ खास बातचीत की है। इस दौरान संजय झा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में एनडीए 39 नहीं बल्कि 40 की 40 सीटें जीतेगी।  

संजय कुमार झा के साथ बातचीत के प्रमुख अंश-  

1. लोकसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारी है, कैसे विपक्षियों को मात देंगे?

-जब हम लोगों का गठबंधन हुआ तो सीट शेयरिंग या किसी बात को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में न कोई लीडर है न कोई एजेंडा है। रात में पार्टी का सिंबल दिया जाता है और अगले दिन वापिस ले लिया जाता है। वहीं केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बने, उसके लिए हम लोग अपील करने जा रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार और केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार बनेगी तो उसका लाभ बिहार को अगले 5 साल मिलेगा। हम लोग चुनाव में कामकाज पर जा रहे हैं। लोग हमको हमारे काम से जज करें। 

2. जब इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार अलग हुए तो क्या इंडिया गठबंधन में जो बाकी नेता थे वो कोई रणनीति नहीं बना रहे थे या नीतीश कुमार राजद के साथ सरकार चलाने में कंफर्टेबल नहीं थे?

-दोनों बात है, एक तो वे राजद के साथ सरकार चलाने में बिल्कुल कंफर्टेबल नहीं थे। दिक्कत हो रही थी। दूसरी बात इंडिया गठबंध को बनाने में नीतीश कुमार का बहुत बड़ा योगदान है। कांग्रेस को कोई नहीं मान रहा था। सब नेताओं को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए नीतीश कुमार ही पूरे देश में घूम रहे थे। जब सबको एक साथ लाकर गठबंधन बना लिए तो देखा कि इनके पास तो कोई आइडिया ही नहीं है। उनको लगता था कि अगर गलती से भाजपा का कुछ होगा तो हम लोग सत्ता में आ जाएंगे। लेकिन हम भाजपा से कैसे बैटर होंगे ऐसी कोई सोच नहीं थी। 

3. राजद के साथ किस तरह से कंफर्टेबल नहीं थे?

-मैं इतना कह सकता हूं कि दोनों पार्टी राजद और जदयू का काम करने का तरीका, सोचने का तरीका बिल्कुल विपरीत है। नीतीश कुमार जी ने सेवा भाव से काम किया, कभी उन्होंने अपने परिवार को परमोट नहीं किया। कभी परिवार को राजनीति में नहीं लाए। 

4. बिहार में जिस प्रकार से राजद ने अपने कोटे से मुकेश सहनी को तीन सीट दे दी है। आपको लगता है कि आप लोग मुकेश सहनी को अपने साथ लाने में सफल नहीं हुए और उनके राजद के साथ जाने से कुछ असर होगा? 

-मैं इतना कह सकता हूं कि राजद को लड़ने के लिए कोई प्रत्याशी नहीं मिल रहा। देखा जा रहा है कि वो कहां-कहां से उठा के कैंडिडिट ला रहे हैं। 

5. लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी भी काफी मेहनत कर रहे हैं तो अब उनको प्रधानमंत्री बनाएंगे?

-जब कुछ करना था उस समय राहुल गांधी पता नहीं कहां घूम रहे थे। इतना बड़ा उत्तर प्रदेश है 80 सीट का, जिसे राहुल गांधी छोड़कर भाग गए। जहां से चुनाव लड़ते थे, उसे छोड़कर निकल गए और अपने आप को कह रहे हैं कि हम प्रधानमंत्री कैंडिडिट हैं। 

6. कहा जाता है कुशवाहा वोटर्स नीतीश कुमार के फेवर में रहते थे, लेकिन जिस प्रकार से राजद या अन्य पार्टियां भी कुशवाहा समाज को अपनी तरफ जोड़ने लिए उनके लोगों को उम्मीदवार बना रहें हैं तो क्या उसका कुछ असर होगा? 

-जो बिहार में एनडीए फॉर्मेशन का वोटर है वो सारे लोग इम्पैक्ट होकर वोट करेंगे। एक भी वोट इधर-उधर नहीं जाएगा। पब्लिक बहुत समझदार है। उनको पता है कि केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी तो उसका सबसे बड़ा लाभ बिहार को होने वाला है। 

7. महंगई, बेरोजगारी या केंद्र सरकार ने जो फैसले लिए हैं, क्या उसका असर इस बार लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा या कहीं उसका नुकसान आप लोगों को तो नहीं होगा? 

-हमको नहीं लगता है, बेरोगजारी तो एक ऐसा मुद्दा है, सरकार में जॉब का लिमिटेशन है। आपको और वेल्थ क्रिएट करना है, और जॉब क्रिएट करना है, वो एक प्रकिया है। बिहार में अभी कितने बड़े पैमाने पर बहाली की गई। आगे में बहाली संभव है। दरभंगा में एयरपोर्ट बना है, एम्स बनने वाला है। यह सब भी तो बड़े-बड़े काम हैं। 

8. बिहाल में अभी भी पलायन बहुत बड़ा मुद्दा है। कोसी, मिथिलांचल या सीमांचल के लोग काम करने के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं। क्या इस पलायन को रोकने के लिए नीतीश सरकार आगे कोई कदम उठाएंगे? 

बिल्कुल करेंगे। जब नीतीश जी सरकार बनाए थे, उस समय उनको कैसा बिहार मिला था। वहां से ट्रैवल करके बिहार आज कहां तक आया है। उस समय बिहारी शब्द गाली बन गया था। पूरा खजाना खाली था। कहीं रोड नहीं था। आज बिहार रोड के मामले में, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, पावर के मामले में किसी भी बड़े राज्य को मैच करता है। अब बिहार में इन्वेस्टमेंट के लिए भी माहौल बन चुका है। 

9. नीतीश कुमार लगातार यह मांग करते थे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। अब जब आप लोग एनडीए के पार्ट हैं तो क्या फिर से यह मांग रहेगी या फिर कोई और पैकेज की मांग करेंगे ताकि बिहार की तरक्की हो? 

-मुझे अब यही लगता है, क्योंकि अब 11th Finance Commission ने कर दिया है कि विशेष राज्य का मुद्दा नहीं होगा। तो अब बाढ़ वाले इलाके के लिए भारत सरकार कोई विशेष पैकेज बना कर दे, उसके लिए प्रयास करेंगे। 

10. क्या आप केंद्र सरकार से दरभंगा के अलावा कोसी या सीमांचल जैसे इलाके के लिए एम्स की मांग करेंगे? 

-बिल्कुल करेंगे। कोसी और सीमांचल के इलाकों में भी एम्स होना चाहिए। हम मोदी जी से जरूर मांग करेंगे। 

11. पूर्णिया सीट पर जिस तरह से पप्पू यादव मैदान में आ गए हैं। आपको लगता है कि पप्पू यादव के मैदान में आने से जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा को कोई फायदा होगा या नुकसान? 

पूर्णिया में हम लोग कम से कम 3 लाख वोट से ज्यादा से जीतेंगे। हमारे उम्मीदवार के सामने कोई टिक नहीं पाएगा। यह चुनाव जो है केंद्र में सरकार बनाने के लिए है। बिहार की जनता बहुत समझदार है उन्हें पता है कि किसे वोट देना है। 


 


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Content Writer

Ramanjot

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