Supaul Lok Sabha Seat: क्या सुपौल सीट पर फिर चलेगा दिलेश्वर कामत का जादू, RJD और कांग्रेस इस बार दे रही है कड़ी टक्कर

3/28/2024 4:45:31 PM

Supaul lok sabha seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक सुपौल लोकसभा सीट है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद सुपौल लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। 2009 में हुए चुनाव में जेडीयू के विश्व मोहन कुमार ने कांग्रेस के रंजीत रंजन को डेढ लाख वोटों से हराया।

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वहीं 2014 में एक बार फिर से रंजीत रंजन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ीं और जीत कर संसद पहुंची। 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के दिलेश्वर कामत ने चुनाव में जीत हासिल की। 

सुपौल लोकसभा के अंतर्गत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें 

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गौरतलब है कि सुपौल लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें सुपौल जिले की निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर और मधेपुरा जिले की सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट दिलेश्वर कामत ने जीत हासिल की थी। कामत ने 5 लाख 97 हजार 377 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट रंजीत रंजन 3 लाख 30 हजार 524 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं थीं तो निर्दलीय दिनेश प्रसाद यादव 23 हजार 45 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर कांग्रेस की रंजीत रंजन ने 3 लाख 32 हजार 927 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं JDU के दिलेश्वर कामत 2 लाख 73 हजार 255 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि BJP के कामेश्वर चौपाल को 2 लाख 49 हजार 693 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे

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साल 2009 की बात करें तो JDU के विश्व मोहन कुमार ने 3 लाख 13 हजार 677 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं कांग्रेस की रंजीत रंजन 1 लाख 47 हजार 602 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहीं थी। जबकि LJP के सूर्य नारायण यादव को 93 हजार 94 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

जेडीयू और महागठबंधन में होगा कड़ा मुकाबला 
सुपौल सीट पर 7 मई को लोकसभा चुनाव होना है। जेडीयू ने इस बार भी सुपौल से दिलेश्वर कामत के चेहरे पर ही भरोसा जताया है। सुपौल लोकसभा सीट पर इस चुनाव में जेडीयू और महागठबंधन में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। दिलेश्वर कामत को इस बार सुपौल की जनता आशीर्वाद देगी या नहीं ये तो आने वाले चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा। 


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Ramanjot

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