Garkha Assembly Seat: गरखा सीट पर चिराग पासवान और मांझी के भरोसे है NDA ।। Bihar Election 2025
Tuesday, May 20, 2025-05:36 PM (IST)
Garkha Assembly Seat: गरखा विधानसभा सीट सारण लोकसभा के तहत आता है। 1957 में गरखा सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट राम जयपाल सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। 1962 में गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) पर कांग्रेसी उम्मीदवार शिवशंकर प्रसाद सिंह को जीत मिली थी। 1967 में गरखा सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट विश्वनाथ भगत ने विरोधियों को मात दे दिया था। 1969 में गरखा सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जगलाल चौधरी ने जीत हासिल किया था। 1972 के चुनाव में यहां से रघुनंदन माझी ने कांग्रेस की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर मुनेश्वर चौधरी ने जीत का परचम लहरा दिया था।
1980 और 1985 में कांग्रेसी कैंडिडेट रघुनंदन माझी ने गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) पर लगातार दो बार जीत हासिल की थी। 1990 में निर्दलीय कैंडिडेट मुनेश्वर माझी ने गरखा सीट पर विरोधियों को करारी शिकस्त दे दी थी। 1995 में मुनेश्वर माझी ने जनता दल की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव में भी मुनेश्वर माझी ने आरजेडी की टिकट पर जीत का सिलसिला एक बार फिर कायम रखा था। वहीं 2005 और 2010 के चुनाव में गरखा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानचंद मांझी ने विरोधियों को मात दे दिया था। 2015 के चुनाव में आरजेडी के कैंडिडेट मुनेश्वर चौधरी ने जीत हासिल किया था। वहीं 2020 के चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र राम ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था।
एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) पर आरजेडी उम्मीदवार सुरेंद्र राम ने जीत का परचम लहराया था। सुरेंद्र राम को 83 हजार चार सौ 12 वोट मिला था तो बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानचंद मांझी 73 हजार चार सौ 75 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से सुरेंद्र राम ने ज्ञानचंद मांझी को 9 हजार नौ सौ 37 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं जाप कैंडिडेट मुनेश्वर चौधरी 4 हजार चार सौ 19 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) से आरजेडी कैंडिडेट मुनेश्वर चौधरी ने जीत हासिल की थी। मुनेश्वर चौधरी को 89 हजार दो सौ 49 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट ज्ञानचंद मांझी को 49 हजार तीन सौ 66 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से मुनेश्वर चौधरी ने ज्ञानचंद मांझी को 39 हजार आठ सौ 83 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं 5 हजार 27 वोट के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।
एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) से बीजेपी कैंडिडेट ज्ञानचंद मांझी ने जीत हासिल की थी। ज्ञानचंद मांझी को 41 हजार 33 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट मुनेश्वर चौधरी ने 39 हजार दो सौ 46 वोट हासिल किया था। इस तरह से ज्ञानचंद मांझी ने मुनेश्वर चौधरी को एक हजार सात सौ 87 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट रघुनंदन मांझी, 12 हजार सात सौ 93 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में गरखा सीट (Garkha Assembly Seat) से बीजेपी कैंडिडेट ज्ञानचंद मांझी ने जीत हासिल की थी। ज्ञानचंद मांझी को 28 हजार छह सौ 34 वोट मिला था तो कांग्रेसी कैंडिडेट रघुनंदन मांझी ने चुनाव में 26 हजार आठ सौ 17 वोट हासिल किया था। इस तरह से ज्ञानचंद मांझी ने रघुनंदन मांझी को एक हजार आठ सौ 17 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट मुनेश्वर मांझी, 14 हजार दो सौ 71 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
गरखा विधानसभा सीट (Garkha Assembly Seat) पर पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के वोटर ही चुनावी नतीजों को तय करते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में पासवान और रविदास वोटरों का भी दबदबा है। ऐसे में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की भूमिका काफी अहम हो जाती है। हालांकि आरजेडी अपने मजबूत गढ़ पर कब्जा कायम रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।