Shikaripara Assembly Seat: अपने मजबूत गढ़ शिकारीपाड़ा में नया उम्मीदवार उतारेगी JMM।। Jharkhand Election 2024
Tuesday, Sep 24, 2024-05:58 PM (IST)
Shikaripara Assembly Seat: झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में से एक सीट शिकारीपाड़ा भी है। दुमका जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद साल 2005 से अब तक इस सीट पर लगातार जेएमएम का कब्जा रहा है।
जेएमएम के नलिन सोरेन इस सीट से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में नलिन सोरेन दुमका सीट से सांसद चुने जा चुके हैं। इसलिए शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट पर जेएमएम नया कैंडिडेट उतारने की तैयारी कर रही है।
2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम कैंडिडेट नलिन सोरेन ने 79 हजार चार सौ वोट लाकर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी कैंडिडेट पारितोष सोरेन 49 हजार नौ सौ 29 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस लिहाज से नलिन सोरेन ने पारितोष सोरेन को 29 हजार चार सौ 71 वोट के मार्जिन से हरा दिया था। वहीं जेवीएम कैंडिडेट राजेश मुर्मू पांच हजार एक सौ 64 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर जेएमएम के नलिन सोरेन ने जेवीएम के पारितोष सोरेन को 24 हजार पांच सौ एक वोट से हराया था। नलिन सोरेन को कुल 61 हजार नौ सौ एक वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेवीएम के पारितोष सोरेन को कुल 37 हजार चार सौ वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे जेडीयू के शिवधन मुर्मू को कुल 21 हजार 10 वोट मिले थे।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर जेएमएम के नलिन सोरेन ने जेवीएम के पारितोष सोरेन को 1 हजार 3 वोटों से हराकर अपना परचम लहराया था। नलिन सोरेन को कुल 30 हजार चार सौ 74 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेवीएम के पारितोष सोरेन को कुल 29 हजार चार सौ 71 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे जेडीयू के राजा मरांडी को कुल 29 हजार 9 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
झारखंड बनने के बाद इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव परिणामों का विश्लेषण करें तो इस सीट पर लगातार जेएमएम का ही कब्जा रहा है। इस बार चूंकि नलिन सोरेन दुमका से सांसद बन चुके हैं। इसलिए जेएमएम शिकारीपाड़ी सीट पर किसी नए कैंडिडेट को मौका दे सकती है। वहीं बीजेपी के सामने इस बार भी शिकारीपाड़ा के जेएमएम के गढ़ को भेद पाना मुश्किल लग रहा है।