'संविधान हत्या दिवस': JDU ने केंद्र सरकार के फैसले का किया स्वागत, कहा- 25 जून भारत के इतिहास का काला दिन
Saturday, Jul 13, 2024-02:03 PM (IST)
दिल्ली/पटना: केंद्र सरकार द्वारा आपातकाल 1975 की याद में 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने की घोषणा किए जाने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं, इस पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
'हम सभी सलाखों के पीछे थे और...'
JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा कि जेडी(यू) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी अधिसूचना का स्वागत और अभिनंदन करता है। 25 जून, 1975 भारत के इतिहास में एक काला दिन है और हमें खुशी है कि इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जा रहा है। जब जयराम रमेश की पार्टी जश्न मना रही थी, हम सभी सलाखों के पीछे थे और उन्हें इस दर्द का अंदाजा नहीं था।
भारत के लोग अब आपके 'जुमलों' में नहीं फंसेंगे: राजद
वहीं, राजद नेता मनोज झा ने केंद्र सरकार द्वारा 1975 के आपातकाल की याद में 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में घोषित करने पर कहा कि देखो कौन बोल रहे हैं ये बात?...उन्होंने संविधान को नष्ट कर दिया है...उन्हें अपने सामने एक दर्पण रखना चाहिए। कुछ साल पहले विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा की गई थी, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं कर रहे हैं। भारत के लोग अब आपके 'जुमलों' में नहीं फंसेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की यह घोषणा
बता दें कि सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान अमानवीय पीड़ा झेलने वालों के “व्यापक योगदान” को याद करने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी दिन 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह घोषणा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए।