झारखंड के धनंजय ने पेश की मिसाल, गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए चलाई 1176 किमी. स्कूटी
Thursday, Sep 03, 2020-01:57 PM (IST)

रांचीः अग्नि को साक्षी मानकर पति-पत्नी द्वारा लिए गए 7 फेरों के असली बंधन को झारखंड के धनंजय कुमार ने पूरा करके दिखाया है। धनंजय ने खुद 10वीं भी पास नहीं की लेकिन उनका सपना अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना था। उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को डिलेड की परीक्षा दिलवाने के लिए स्कूटी पर 1176 किमी. का सफर तय किया। साथ ही रास्ते में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करते हुए ग्वालियर पहुंचे।
मांझी समाज के धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के रहने वाले हैं। वह लगभग 1176 किमी. स्कूटी चलाकर अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम को डिलेड द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंचे। उन्होंने ग्वालियर में ठहरने के लिए दीनदयाल नगर में 1500 रुपए में 10 दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है। 11 सितंबर को परीक्षाएं संपन्न होने के बाद यह दंपत्ति वापस स्कूटी से ही झारखंड के लिए रवाना होंगे।
वहीं धनंजय ने बताया कि सोनी 6 महीने की गर्भवती है। दिसंबर महीने में प्रसव होने की उम्मीद है। परीक्षा देना जरूरी था, लेकिन ट्रेन बंद हैं और किराए के वाहन से आने में लगभग 30 हजार रुपए का खर्चा आ रहा था। ऐसे में दोनों ने तय किया कि दोपहिया वाहन से ही यह सफर तय किया जाए। उन्होंने 3 दिन में गोड्डा से ग्वालियर तक का सफर तय किया। इतना ही नहीं बेरोजगारी के कारण उन्होंने गहने गिरवी रखकर स्कूटी में पेट्रोल भरवाया।
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