CM नीतीश ने महादलित समाज को मुख्यधारा में किया शामिल, दलित समाज के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार ने चलाई हैं कई योजनाएं
Saturday, Aug 03, 2024-05:45 PM (IST)
पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद से ही दलित समाज के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया था। साल 2007 में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने दलितों में भी सबसे ज्यादा पिछड़ी जातियों के लिए ‘महादलित’ कैटेगरी बनाई थी।महादलित समाज के सर्वांगीण विकास के लिए अलग से सरकारी योजनाएं चलाई गई। इसके बाद साल 2010 में महादलित समाज के लिए आवास, पढ़ाई के लिए लोन और स्कूली पोशाक देने की योजनाएं लाई गईं। आज बिहार में सभी दलित जातियों को महादलित की कैटेगरी में डाला जा चुका है। साल 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पासवान जाति को भी महादलित का दर्जा दे दिया है। अब पासवान समाज को भी महादलित विकास मिशन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ मिल रहा है। नीतीश सरकार ने बिहार महादलित विकास मिशन के जरिए अनुसूचित जाति के विकास के लिए काम किया।
बिहार महादलित विकास मिशन का उद्देश्य क्या है?
बिहार महादलित विकास मिशन,बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की एक स्वायत्त इकाई है,जो अनुसूचित जाति के अन्तर्गत विकास के लिए महादलितों के सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक, सांस्कृतिक विकास एवं समानता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सतत प्रयासरत है। इस मिशन का मकसद सभी महादलितों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाते हुए समाज निर्माण में उनकी पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करना है। महादलित विकास मिशन के निम्नलिखित बड़े कार्य हैं-
• प्रत्येक महादलित परिवार को रहने के लिए आवास की व्यवस्था करना।
• शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर महादलित समुदाय के स्वच्छता स्तर को ऊपर उठाना।
• महादलित समुदाय के बच्चों के लिए समुचित शिक्षा एवं बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने की व्यवस्था करना।
• बिहार महादलित मिशन की योजनाओं को टोला स्तर पर क्रियान्वित करने हेतु विकास मित्र का चयन करना।
• व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से महादलित युवाओं एवं युवतियों के परंपरागत एवं नवीन कौशल का विकास कर आय अर्जित करने लायक बनाना।
• महादलित महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सबल बनाना।
• आवागमन एवं संचार सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
• महादलित समुदाय के परिवार को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना।
बिहार में महादलित समाज में कौन-कौन जाति शामिल है?
बिहार महादलित आयोग की सिफारिश पर कई जातियों के विकास के लिए उन्हें महादलित घोषित किया गया है मुसहर, हरी, मेहतर, चौपाल, भोगता, पान, कंजर, धोबी, भुईयां, डोम, नट, कुररियार, दबगर, लालबेगी, पासी, रजबार, बंतर, तुरी हलालखोर, बाउरी, घासी और चमार जाति को महादलित में शामिल किया गया है। साल 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पासवान जाति को भी महादलित का दर्जा दे दिया है।
‘महादलित समुदाय के बच्चों को नीतीश सरकार देती है पोशाक’
पहले महादलित समुदाय के बच्चे स्कूल में पोशाक के अभाव में हीन भावना से ग्रसित रहते थे। साथ ही पोशाक के कारण स्कूल में छात्र/छात्राओं के बीच भेदभाव बना रहता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समस्या को समझा और महादलित समाज के बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की। नीतीश सरकार की तरफ से महादलित समुदाय के बच्चों को मुफ्त में पोशाक मुहैया कराया जा रहा है। इससे स्कूल में महादलित समाज के बच्चे और बच्चियों की उपस्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया। साथ ही स्कूल में महादलित समाज के बच्चे और बच्चियों के मन से हीन भावना का खात्मा हुआ।इसके अलावा दूसरे समाज के बच्चों ने भी महादलित समाज के बच्चे और बच्चियों को सम्मान देना शुरू कर दिया और इससे महादलित समाज के बच्चे और बच्चियों का आत्मविश्वास बढ़ा।
साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के उन लाखों महादलित परिवारों के घरों में दिया जलाया जहां सदियों से उदासी का अंधेरा बिखरा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस योगदान से बिहार में एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन हुआ और महादलित समाज भी हीनभावना से मुक्त होकर मुख्यधारा में शामिल हो गया।