शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम! पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलेगा सुनहरा भविष्य
Tuesday, Feb 25, 2025-05:33 PM (IST)
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पटना: बिहार सरकार पिछड़े वर्ग एवं अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बड़ी पहल कर रही है। राज्य में 720 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग बालक आवासीय +2 उच्च विद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस उद्देश्य से पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर विद्यालय के निर्माण का प्रस्ताव और प्राक्कलन तैयार करने का अनुरोध किया है।
पहले चरण में 9 प्रमंडलों में खुलेगा विद्यालय
राज्य सरकार ने पहले चरण में बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में एक-एक अन्य पिछड़ा वर्ग बालक आवासीय +2 उच्च विद्यालय खोलने की योजना बनाई है। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े वर्गों के छात्रों के उत्थान के लिए एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा।
बालिकाओं के लिए पहले से संचालित हैं विद्यालय
गौरतलब है कि पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग पहले से ही राज्य में 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय संचालित कर रहा है। अब सरकार बालकों के लिए भी समान अवसर प्रदान करने के लिए कदम उठा रही है।
क्या होगा इन विद्यालयों का लाभ?
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा – इन विद्यालयों में छात्रों को बेहतरीन सुविधाओं के साथ उच्च स्तरीय शिक्षा मिलेगी।
- साक्षरता दर में वृद्धि – पिछड़े वर्गों में साक्षरता बढ़ाने में यह विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान – शिक्षा के माध्यम से इन वर्गों का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण होगा।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़त – इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र सिविल सर्विस, बैंकिंग, रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
सरकार का संकल्प: शिक्षा से सशक्तिकरण
राज्य सरकार का मानना है कि शिक्षा ही सामाजिक सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। इन आवासीय विद्यालयों की स्थापना से पिछड़े वर्ग के छात्र बेहतर अवसरों से जुड़ेंगे और समाज की मुख्यधारा में मजबूत भागीदारी निभाएंगे।