भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किए जाने से लोगों में आक्रोश, निकाला जलूस

2/14/2022 12:52:14 PM

 

रांचीः भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किए जाने से लोगों में आक्रोश है। सरकार से इसे निरस्त करने की मांग को लेकर रविवार को झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले मनईटांड़ बस्ती भोक्ता मंदिर से विशाल जुलूस निकाला गया।

जुलूस छठ तालाब, गोल बिल्डिग, पुराना बाजार, बैंक मोड़ बिरसा चौक, धनसार चौक होते हुए पुन: बैंक मोड़ पहुंचा। जुलूस में पुरुष, बच्चे व महिलाएं शामिल थे। सभी के हाथ में स्लोगन लिखी तख्तियां थी। लोगों ने बाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, धनबाद के सांसद, विधायक सहित कई मंत्रियों का पुतला दहन किया। लोगों ने भोजपुरी, मगही, अंगिका को क्षेत्रीय भाषा से हटाने व 1932 खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति बनाने का नारा लगा रहे थे।

वक्ताओं ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए काम करने के लिए दो वर्ष बहुत होते हैं। हेमंत सरकार 1932 के खतियान को स्थानीय नीति बनाने के मुद्दे के साथ सरकार में वापस हुए। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री इसे भूल गए। बाहरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में डाला जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध सड़क से सदन तक होगा। झारखंड की संस्कृति, भाषा व अस्मिता के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक क्षेत्रीय सूची से तीनों भाषाओं को नहीं हटाया गया। आंदोलन जारी रहेगा।

आरपार की लड़ाई को हमलोग तैयार हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक ढुलू महतो, अपर्णा सेनगुप्ता का घेराव किया जाएगा। जुलूस के कारण बैंक मोड़, पुराना बाजार इलाका काफी देर तक जाम में फंसा रहा। लोगों व वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस भीड़ और जाम को हटाने में लगी रही।
 


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Content Writer

Diksha kanojia

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