RIMS में कैंटीन से चाय पीने के बाद बेहोश हुई मेडिकल छात्रा, अब वेंटिलेटर पर; स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स निदेशक को की तत्काल बर्खास्त करने की मांग
Saturday, Aug 23, 2025-10:04 AM (IST)

Jharkhand News: झारखंड के शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान रिम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग की प्रथम वर्ष की स्नातकोत्तर छात्रा कथित तौर पर अस्पताल की कैंटीन से चाय पीने के बाद वेंटिलेटर पर है। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। सरकारी संस्थान के प्रवक्ता ने कहा कि यह परोक्ष तौर पर जहर का मामला है। अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड के पास कैंटीन से चाय मंगवाने के बाद 25 वर्षीय महिला की अचानक तबियत खराब हो गई और उसे तत्काल गहन चिकित्सा इकाई में ले जाया गया, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
अब वेंटिलेटर पर लड़ रही जिंदगी और मौत की जंग
अधिकारी ने कहा, ‘‘छात्रा ने चाय को एक फ्लास्क में डाला ताकि जब वे खाली हों, तब पी सकें। अपना काम खत्म करने के बाद, उसने चाय के कुछ घूंट पीए और कहा कि यह अच्छी नहीं है और इसकी गंध खराब है, इसलिए बाकी चिकित्सकों ने वह चाय नहीं पी।'' अधिकारी ने कहा कि कुछ देर बाद, छात्रा की तबियत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे आपातकालीन कक्ष में ले जाया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, "वह अब वेंटिलेटर पर है और अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं। फ्लास्क और कई अन्य चीजों को जांच के लिए भेज दिया गया है क्योंकि यह जहर का मामला लग रहा है।''
कैंटीन को किया गया सील
रिम्स के प्रवक्ता डॉ. राजीव रंजन ने घटना की पुष्टि की। रंजन ने कहा, ‘‘यह सिर्फ खाद्य विषाक्तता का मामला नहीं है। हमें शक है कि यह रसायन विषाक्तता का मामला है। जांच के बाद ही मामला स्पष्ट होगा।'' उन्होंने कहा कि स्नातकोत्तर छात्रा की हालत स्थिर लेकिन गंभीर है और कैंटीन को सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चाय परोसने वाले कैंटीन के एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने CM से की रिम्स निदेशक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग
झारखंड के रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) कैंटीन में चाय पीने से जूनियर डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने की घटना को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। मंत्री ने त्वरित कारर्वाई करते हुए आज कैंटीन संचालक का लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया है और कैंटीन को सील करवा दिया है। साथ ही मामले की अभिलंब जांच का आदेश जारी किया गया है।
‘‘दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा"
डॉ. अंसारी ने स्पष्ट कहा है कि - ‘‘दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने रिम्स की दुर्दशा के लिए निदेशक को पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘रिम्स निदेशक न्यायालय की आड़ लेकर संस्थान को राजनीति का अड्डा बना चुके हैं, जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।'' डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि वह न्यायालय का सम्मान करते हैं, लेकिन निदेशक का गैर-जिम्मेदाराना रवैया और लापरवाही अस्वीकार्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि रिम्स निदेशक को तत्काल बर्खास्त किया जाए, ताकि राज्य की जनता और डॉक्टरों के हित में बिना किसी दबाव के सख्त कदम उठाए जा सकें। स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि ‘‘स्वास्थ्य सेवाओं और संस्थानों में लापरवाही की ज़रा-सी भी गुंजाइश नहीं है। जनहित और डॉक्टरों की सुरक्षा मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है।